MEC- 7 Political Row: उत्तरी केरल में लोकप्रिय हो रहा एक शारीरिक फिटनेस कार्यक्रम विवादों में घिरता जा रहा है. सीपीआई (एम) के एक नेता ने आरोप लगाया है कि इस शारीरिक फिटनेस कार्यक्रम का संबंध जमात-ए-इस्लामी और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है और इन संगठनों की राजनीतिक शाखा एसडीपीआई अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस मंच का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अब वही सीपीआी (एम) नेता इसे लेकर नर्म रुख अपना रहा है. 


इस कार्यक्रम को लेकर भाजपा ने पिनराई विजयन सरकार पर निशाना साधा तो, जिस सीपीआई (एम) नेता (पी मोहनन) ने इस फिटनेस कार्यक्रम को प्रतिबंधित संगठनों से जोड़ा था उसका रुख इसको लेकर नर्म हो गया. इतना ही नहीं कांग्रेस के एक सांसद ने इस फिटनेस कार्यक्रम का बचाव भी किया. 


पी मोहनन ने लगाए थे ये आरोप 


सीपीआई(एम) कोझिकोड जिला सचिव मोहनन ने हाल ही में एमईसी-7 के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई कार्यक्रम में शामिल हो रहा है. बीते महीने कन्नूर में एक पार्टी मीटिंग में मोहनन ने कहा था कि लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों से लड़ना चाहिए और शारीरिक रूप से फिट रहना चाहिए, लेकिन जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई अपनी संकीर्ण राजनीति के लिए एमईसी-7 का इस्तेमाल कर रहे हैं. जमात इसे इस्लामिक राष्ट्र के लिए अपने अभियान के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है. धर्मनिरपेक्ष समाज को ऐसे प्रयासों के प्रति सतर्क रहना चाहिए. मोहनन ने ये भी कहा था कि इसके पहले जमात अपने एजेंडे को आगे लेकर जाने के लिए पर्यावरण आंदोलनों और मानवाधिकार मुद्दों का इस्तेमाल करती थी. इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एमईसी-7 में घुसपैठ की है.


फिर अपनाया नर्म रुख


भाजपा के पिनराई विजयन पर निशाना साधने के बाद मोहनन ने अपना रुख इस कार्यक्रम को लेकर नर्म कर लिया और बीते सप्ताह दावा किया कि उनकी आलोचना सडीपीआई, जमात और संघ परिवार जैसी ताकतों की ओर से अपनी सांप्रदायिक विचारधारा को फैलाने पर केंद्रित थी. वह बोले, “हमें एमईसी 7 से कोई समस्या नहीं है.”


किसने की थी कार्यक्रम की शुरुआत


उत्तरी केरल में जिस फिटनेस कार्यक्रम को लेकर चर्चा हो रही है, उसका नाम बहु-व्यायाम संयोजन (multi-exercise combination (MEC-7)) है. इसकी शुरुआत साल 2012 में मल्लपुरम में छोटी मोटी शारीरिक बीमारियों से लड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. इसकी शुरुआत पूर्व सीआईएसएफ सैनिक सलाहुद्दीन पी ने की थी. ये फिटनेस कार्यक्रम रोज सुबह आधे घंटे का होता है और मुख्य रूप से मलप्पुरम और कोझिकोड में एक हजार से भी ज्यादा समूह में फैल चुका है.  


‘स्वेच्छा से भाग लेते हैं लोग’


पूर्व सीआईएसएफ सैनिक सलाहुद्दीन पी ने 20 साल से भी ज्यादा समय तक CISF में कार्य किया है और असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हुए हैं. सलाहुद्दीन पी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इस कार्यक्रम के लिए कोई संगठनात्मक संरचना या मेंबरशिप नहीं है, जिसमें सभी समुदायों के लोग स्वेच्छा से भाग लेते हैं 


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