अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार सतर्क, गृह मंत्रालय ने तैयार किया फुलप्रूफ प्लान
पिछले साल अमरनाथ यात्रा पूरी कर जब गुजरात से आए यात्रियों की बस श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हई थी तो उसपर आतंकी हमला हो गया था.
नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार सतर्क हो गई है. अमरनाथ यात्रा इस साल 28 जून से शुरु हो रही है. यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने फुलप्रूफ सुरक्षा प्लान तैयार किया है. प्लान को फाइनल करने के लिए आज गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई जिसमें खतरे और सुरक्षा इंतज़ामों पर विस्तार से चर्चा हुई.
सुरक्षा बलों की संख्या में होगी बढ़ोतरी
किसी भी खतरे के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने अमरनाथ यात्रा के रूट पर तैनात की जाने वाली सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोतरी का फैसला किया है. गृह मंत्रालय ने तकरीबन 30 से 40 अतिरिक्त पैरामिलिट्री फ़ोर्स कंपनी की तैनाती को मंजूरी दी है.
दरअसल पिछले साल अमरनाथ यात्रा पूरी कर जब गुजरात से आए यात्रियों की बस श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हई थी तो उसपर आतंकी हमला हो गया था, लेकिन इस साल सुरक्षा में कोई चूक ना हो इसके खास सरकार ने खास इंतजाम किए हैं. सुरक्षा बलों की ये कंपनियां जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ की होंगी. साथ ही सेना और दूसरी एजेंसियां भी सुरक्षा बैकअप के लिए तैनात होंगी.
सुरक्षा की समीक्षा के लिए जारी रहेगा बैठकों का दौर
गृह मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि ये फुल प्रूफ प्लान जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, आईबी ने खुफिया रिपोर्ट्स के आंकलन के बाद तैयार किया है. आगे भी इसकी समीक्षा के लिए बैठकों का दौर जारी रहेगा.
सुरक्षा प्लान के मुताबिक, एरियल सर्विलेंस के जरिए यात्रियों की बसों की निगरानी की जाएगी. साथ ही बसों के आगे पीछे सुरक्षा एस्कार्ट पहले की तरह चलेंगे. इतना ही नहीं काफिले पर सुरक्षा बल लगातार ड्रोन कैमरे से भी निगरानी करें, इसकी तैयारी भी की जा रही है. प्लान के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रियों की मैन टू मैन मार्किंग का प्लान बनाया है. जिसमें हर यात्री के मूवमेंट पर पैनी नजर रखी जाएगी.
बसों पर लगे जीपीएस को कंट्रोल रूम से जोड़े जाएगा
यात्रियों की जिम्मेदारी तय करते हुए गृह मंत्रालय ने यात्रियों के रजिस्ट्रेशन और बसों के मूवमेंट पर खास नजर रखने का ज़िम्मा स्थानीय प्रशासन को सौंपा है. साथ ही टूर ओपरेटर को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो न सिर्फ बसों पर लगे जीपीएस को सुरक्षा कंट्रोल रूम से जोड़े बल्कि सुरक्षा नियमों में कोई कोताही ना हो ये भी सुनिश्चित करें.
यात्रियों को व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन करना तो जरूरी होगा ही साथ ही हर बैच के मूवमेंट का समय और उसकी डीटेल सुरक्षा एजेंसियों को देने होंगे. सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि हाल ही के दिनों में ज्यादा तादात में आतंकवादी मारे गए हैं, उनका बदला लेने के लिए आतंकी संगठन बड़ा हमला करने की फिराक में हैं. आतंकवादी इसके लिए एक बार फिर यात्रा को निशाना बना सकते हैं.
बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं जैश और लश्कर के आतंकी
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जैश और लश्कर के आतंकी मिलकर बड़े हमले की साजिश रच रहे हैं. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से इनको मदद मिल रही है. गृह मंत्रालय ने तय किया है कि शेड्यूल के मुताबिक ही अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होगी.
खबरों के मुताबिक़, गुजरात में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टूर ऑपरेटरों से बुलेटप्रूफ़ जैकेट की मांग की जा रही है और कई टूर ऑपरेटरों ने गृह मंत्रालय से बाक़ायदा इसकी इजाज़त मांगी है. लेकिन गृह मंत्रालय ने इस पर फिलाहाल कोई फैसला नहीं लिया है.