मुंबई: नौसेना अधिकारी हत्या मामले की जांच में जुटी पुलिस की 10 टीमें, कर्ज में डूबा हुआ था जवान
29 जनवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से नेवी के अधिकारी सूरज दुबे को अगवा किया था. वहीं फिरोती में 10 लाख की रकम नहीं मिलने पर अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने सूरज दुबे को मुंबई के पालघर के जंगलों में लेकर जिंदा जला दिया था. बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान दुबे की मौत हो गई थी. वहीं इस मामले की जांच में अब पालघर पुलिस की 10 टीमें लगाई गई हैं. इसके साथ ही नेवी भी मामले की जांच में जुट गई है.
चेन्नई से अगवा किए गए नेवी के अधिकारी सूरज दुबे को अज्ञात अपहरणकर्ताओं द्वारा महाराष्ट्र के पालघर में जला देने के मामले की जांच में अब पुलिस की 10 टीमों के साथ ही नौसेना की टीम भी जुट गई है. जांच में यह बात सामने आई है कि नेवी अधिकारी कर्ज में डूबा हुआ था और उसने लाखों रुपए शेयर बाजार में भी निवेश किए थे जो डूब गए थे. नौसैनिक के हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस के दस अधिकारियों के नेतृत्व में 100 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है.
29 जनवरी को नेवी अधिकारी को किया गया था किडनैप
बता दें कि झारखंड के रांची शहर के रहने वाले 27 साल के सुरजकुमार मिथिलेश दुबे को 29 जनवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से कुछ अज्ञात लोगो ने अगवा कर लिया था. इसके बाद फिरौती के लिए 10 लाख की मांग की थी. 3 दिन तक चेन्नई में रखने के बाद अपहरणकर्ता , सूरज को महाराष्ट्र और गुजराज बॉर्डर के नजदीक पालघर जिले में ले आए थे. 5 फरवरी को पालघर के जंगलों में ले जाकर सूरज पर पेट्रोल छिड़ककर जला दिया गया था. 5 तारीख की सुबह स्थानीय लोगो ने सूरज को जली हुई हालत में देखा और फौरन पुलिस को सूचित किया. इसके बाद सूरज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मरने से पहले सूरज ने पुलिस को अपनी आपबीती बताई थी.
कर्ज में डूबा हुआ था नेवी अधिकारी
वहीं इस मामले में पालघर पुलिस अधीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने बताया कि झारखंड में रांची निवासी सूरज दुबे कोयंबटूर के करीब आईएनएस अग्रणी पर तैनात थे. सूरज ने साल 2001 में नेवी में सिबिंग सीमेन पद पर नौकरी की शुरुआत की थी. पुलिस अधीक्षक ने ये भी बताया कि सूरज दुबे के पास तीन मोबाइल नंबर थे. जिनमे से एक नंबर के बारे में उनके घर वालो को भी जानकारी नही थी. चेन्नई से 1500 किमी दूर पालघर तक सूरज को कैसे लाया गया इस बात की जांच के लिए रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है. पुलिस अधीक्षक दत्तात्रय शिंदे ने बताया कि अब तक की जांच में सामने आया है, कि सूरज कुमार ने शेयर खरीदने के लिए करीब 8 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था और 5 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज सूरज ने अपने एक सहयोगी से लिया था.
हत्या का मकसद का नहीं पता चल पाया है
सूरज कुमार की जनवरी में सगाई हुई थी और उसने ससुराल से भी करीब 9 लाख रुपये लिए थे. हालांकि अभी सूरज कुमार की हत्या के पीछे का मकसद पता नही चल सका है. फिलहाल पुलिस की दस टीम हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है.
पिता ने साथी कर्मी पर लगाया बेटे की हत्या व अपहरण का आरोप
वहीं सूरज के पिता मिथिलेश दुबे का कहना है कि, मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं. उसने मरने से पहले बयान दिया था कि 10 लाख की फिरौती के लिए किडनैप करके तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा गया था. उसे बाद में पालघर लाया गया और जिंदा जला दिया गया. सूरज के पिता मिथिलेश दुबे का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या के अपहरण और हत्या की साजिश में उसके ही साथ काम करने वाले एक कर्मचारी का हाथ हो सकता है, क्योकि सूरज के बारे में जानकारी लेने के लिए वो कई बार फोन और व्हाट्सएप पर संपर्क कर रहा था. जब उनके बेटे का चेन्नई पहुचने पर घर वालो से संपर्क नही हो पा रहा था तो सूरज के भाई ने सूरज के उस दोस्त से कड़ाई से बात की थी और उसने बताया था कि सूरज ने उससे 5 लाख लिए थे, राज खुल न जाये शायद इसी लिए उसने उनके बेटे की हत्या करवा दी थी.
नेवी टीम भी कर रही है मामले की जांच
पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के ख़िलाफ़ पालघर जिले में IPC की धारा 302, 364, 392 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पालघर पुलिस के अलावा नेवी की टीम भी जांच कर रही है।
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