राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार 110 लोगों को आज शनिवार को एस्प्लेनेड कोर्ट में पेश किया गया. सरकारी वकील ने आरोपियों की 14 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की है. वहीं, इससे पहले कोर्ट में इतने आरोपियों को एक साथ पेश करने की जगह को लेकर विभाग के एसीपी और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी कोर्ट का मुआयना करने पहुंचे थे.
इस दौरान एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों को दिखाने के लिए जज को कोर्ट के बाहर बुलाया जाएगा. जज या तो खुद कोर्ट से बाहर आएंगे या उनके किसी स्टाफ को भेजेंगे. इतने आरोपियों की रिमांड गाड़ी में ली जा सकती है. मुंबई पुलिस ने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों का ब्लड सैंपल भी कलेक्ट किया गया है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि किसी आंदोलनकारी ने शराब पी थी या नहीं.
एक पुलिसवाला जख्मी है- सरकारी वकील
सरकारी वकील का कहना है, "इन लोगों ने पुलिस पर भी हमला किया. एक पुलिसवाला जख्मी है. इन लोगों ने चप्पल फेंकी. गिरफ्तार आरोपी अपनी जानकारी नहीं दे रहे हैं. वो अपना सही नाम नहीं बता रहे. अपना पता नहीं बता रहे हैं. ये लोग कौन हैं, इसका पता लगाना बहुत जरूरी है, क्या ये लोग सच में एसटी कामगार हैं या किराए के गुंडे."
बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के सैकड़ों हड़ताली कर्मचारियों ने बीते दिन मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनके खिलाफ नारेबाजी की. दावा है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की. कुछ कर्मचारियों ने उनके आवास की ओर जूते-चप्पल भी फेंके.
सीएम ठाकरे ने शरद पवार को किया था फोन
इसकी जानकारी मिलने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एनसीपी चीफ पवार को फोन किया और उनका हाल जाना था. उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय से भी बात की और पवार की सुरक्षा में हुई चूक का मसला उठाया. इसके बाद पवार के घर हुए हंगामें की जांच ज्वाइंट सीपी लॉ एंड ऑर्डर को सौंपी गई है. अधिकारी सिक्योरिटी फेलियर और इंटेलिजेंस फेलियर की जांच करेंगे. पुलिस ने प्रदर्शन के मामले में 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और सभी को गिरफ्तार कर लिया.
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