मुंबई में इस साल अप्रैल के महीने में 112% से ज्सादा मौतें हुई हैं. दरअसल इस आंकड़े ने शहर में पिछले चार सालों में इसी महीने हुई मौतों के आंकड़े को काफी पीछे छोड़ दिया है. वहीं मृत्यु दर डेटा ने कोविड 19 के वास्तविक टोल पर चिंता जताई है.
एक आरटीआई आवेदन के जरिए से मिले नागरिक निगम के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल अप्रैल में सभी वजहों से 14,484 मौतें हुईं हैं, जबकि अप्रैल 2020 में मौतों का आंकड़ा 89% यानी 7,648 था. वहीं अप्रैल 2019 में मौतों की संख्या 6,572 थी. साल 2018 में अप्रैल में ये संख्या 6,719 थी और अप्रैल 2017 में ये 6,234 हो गई थी.
इस साल जनवरी और फरवरी के महीनों में हुई मौतों में पिछले सालों की तुलना में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं देखने को मिला है. वहीं मार्च 2021 में 2020 की तुलना में 12% की वृद्धि देखी गई. फिलहाल मई और जून के रिकॉर्ड अभी आने बाकी हैं. इस साल अप्रैल में हुई मौतों पर किए गए सर्वे में पता चला है कि कोविड और बिना कोविड से मरने वाले लोगों की संख्या 6,200 है.
4 अप्रैल को हुई सबसे ज्यादा मौत
जानकारी के मुताबिक इस साल अप्रैल महीना मुंबई के लिए कोरोनावायरस दूसरी लहर का चरम था, जब शहर पहले तीन हफ्तों तक हर दिन 9,000 मामले दर्ज कर रहा था. इस साल सबसे ज्यादा एक दिन में कोविड के मामले 4 अप्रैल को सामने आए थे, जब 11,206 मामले सामने आए थे, लेकिन बीएमसी के आंकड़ों के मुताबिक मई के मध्य में चरम पर पहुंचने से पहले अप्रैल के अंत में ही कोविड से मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा था.
सभी वजहों से हुई मौतों के आंकड़े में हुआ इजाफा
कोविड की मृत्यु लेखा समिति के प्रमुख अविनाश सुपे ने बताया कि वास्तविक कोविड टोल का आकलन करना एक चुनौती है. हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सभी वजहों से होने वाली मौतों में काफी वृद्धि हुई है.