मुंबई: मुंबई में राइट टू एजुकेशन के तहत आरक्षित 25 फीसदी सीटों के लिए इस बार आए आवेदनों में इजाफा देखने को मिल रहा है. बुधवार को आवेदन की तारीख खत्म होने के साथ कुल आवेदनों की संख्या तकरीबन 14 हजार तक पहुंच गई. राइट टू एजुकेशन के तहत मुंबई में कुल 7202 सीटें मौजूद हैं. शिक्षा विभाग की ओर से आवेदन के लिए शुरू किए गए मोबाइल एप्लीकेशन से केवल पांच लोगों ने ही इस साल आवेदन किया है.


बीएमसी और शिक्षा विभाग ने इस बार एडमिशन के लिए एकीकृत व्यवस्था बनाकर रखी है, जिसके तहत राइट टू एजुकेशन की सीटें अलॉट करने के लिए 12 मार्च को लॉटरी निकालने की तैयारी की गई है. इस बार शिक्षा विभाग ने एक ही लॉटरी में एडमिशन प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय भी लिया हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस साल आवेदनों में बढ़त देखने को मिल रही है. पिछले साल 11584 आवेदकों ने आवेदन किया था वहीं इस बार ये आकंड़ा 14 हजार तक पहुंच गया है.


जागरूकता के कई प्रयास के बाद भी यह देखने को मिलता है कि राइट टू एजुकेशन के तहत बड़े पैमाने पर सीटें खाली रह जाती हैं. अगर पिछले साल की बात करें तो पूरे महाराष्ट्र में औसतन 80 हजार सीटें खाली रह गईं थी. वहीं मुंबई शहर में भी चार हजार के आसपास सीटें खाली रह गईं थी.


गौरतलब है कि पिछली बार चार राउंड में एडमिशन की प्रक्रिया की गई थी फिर भी खाली सीटें हैरानी का मुद्दा बनी हुईं थी. पिछली बार भी आवेदकों की संख्या कुल सीटों से ज्यादा थी, लेकिन आवेदन से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होने तक बड़े पैमाने पर लोग पीछे हटते चले गए. बड़े पैमाने पर लोग डॉक्यूमेंट सबमिट करने में असमर्थ होने के चलते अपने बच्चों का एडमिशन कराने में सफल नहीं रह पाए थे.


एडमिशन के लिए इस बार मोबाइल एप्लीकेशन के इस्तेमाल में कोई सफलता ना मिलने की स्थिति में शिक्षा विभाग के अधिकारियों में चर्चा है कि बच्चों के परिजन खुद दस्तावेज भरना पसंद करते हैं. अभी लोगों को ऑनलाइन आवेदन देने में समझ विकसित नहीं हो पाई है. शिक्षा विभाग इस बारे में अवेयरनेस बढ़ाने की पूरी तैयारी कर रहा है.


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