मुंबई: मुंबई के गोरेगांव इलाके में 10 जुलाई को नारे में गिरे दो साल के दिव्यांश का अबतक कुछ पता नहीं चल पाया है. इस घटना का आज तीसरा दिन है, लेकिन मासूम दिव्यांश का कोई सुराग नहीं मिला. खबर है कि बीएमसी ने दिव्यांश को खोजने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन बंद कर दिया है.
बता दें कि दिव्यांश को खोजने के लिए बीएमसी, दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीम मिलकर ये सर्च ऑपरेशन कर रही थी, लेकिन दिव्यांश का कुछ भी अता-पता नहीं मिला. गोरेगांव में बुधवार रात 10:00 बजे दिव्यांश अपने घर के बाहर टहल रहा था, जब उसका पैर फिसला और वह एक नाली में गिर गया.
बच्चे के परिजनों ने प्रशासन पर लगाए कई आरोप
बच्चे के परिजनों ने इस मामले में कल प्रेस कॉन्फ्रेंस की. परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया है. परिजन का कहना है कि प्रशासन किसी भी तरह की सहायता नहीं कर रहा है और जो समाजसेवी मदद कर रहे हैं, प्रशासन उन्हें उनसे अलग करने में लगा है. बच्चे के पिता ने बताया कि श्रवण तिवारी नाम का एक सामाजिक कार्यकर्ता जो उनकी मदद कर रहा था, पुलिस उसे ले गयी. परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस उन्हें डरा धमका रही है.
बीएमसी की लापरवाही ने ली मासूम की जान!
बताया जा रहा है कि जब बच्चा नाले में गिरा उसके पहले बारिश हो रही थी और नाले में पानी का बहाव तेज था. घटना की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया. दमकल विभाग, मुंबई पुलिस और स्थानीय लोग मिलकर दिव्यांश को ढूंढने में लग गए. इस घटना में बीएमसी की लापरवाही साफ दिख रही है. छोटा गड्ढा समझकर नाले को ढंका नहीं गया और यही नाला छोटे बच्चे को निगल गया.
यह भी पढ़ें-
गोवा में मंत्रिमंडल विस्तार आज, कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायकों में से 3 को मिलेगी जगह
मोदी सरकार ने तैयार किया नयी टैरिफ नीति का मसौदा- बिजली दिन में सस्ती, रात में महंगी होगी
करतारपुर कॉरिडोर: पाकिस्तान के साथ 14 जुलाई को होने वाली बैठक में उठेगा खालिस्तानी गोपाल चावला का भी मुद्दा, भारत मांगेगा सफाई
कर्नाटक संकट: राहुल गांधी बोले- BJP कुमारस्वामी सरकार गिराने के लिए पैसे का इस्तेमाल कर रही है