Tahawwur Rana Extradition: अमेरिकी संघीय अदालत में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत प्रत्यर्पित करने से जुड़ा मामला करीब एक साल से लंबित पड़ा है. राणा 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों (Mumbai Terror Attack) के मामले में वांछित है. इन आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे. भारत ने उसे भगोड़ा घोषित किया है.
लॉस एंजिलिस में कैलिफोर्निया की जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चुलजियान ने इस मामले पर आखिरी सुनवाई जून 2021 में की थी और इस संबंध में आखिरी बार दस्तावेज 15 जुलाई को दाखिल किए गए थे.
पर्याप्त सबूत के बाद भी प्रत्यर्पण क्यों नहीं?
अब एक साल से अधिक समय बीत चुका है और अदालत ने राणा को भारत में प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर अभी तक फैसला नहीं किया है. तब से अदालत ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की है. अमेरिकी सरकार ने राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध करते हुए कहा था कि भारत ने राणा के प्रत्यर्पण अनुरोध में प्रत्येक आपराधिक आरोपों को लेकर पर्याप्त सबूत दिए हैं.
मुंबई आतंकी हमलों में वांछित
राणा मुंबई आतंकवादी हमले में कथित भूमिका के चलते वांछित है और भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है. राणा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है. पाकिस्तानी मूल का 60 वर्षीय अमेरिकी नागरिक हेडली 2008 के मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल था. वह मामले में गवाह बन गया था और वर्तमान में हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है और उसने ही राणा के खिलाफ गवाही दी है.
प्रत्यर्पण का विरोध
तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के वकील ने प्रत्यर्पण (Extradition) का विरोध किया है. संघीय अभियोजकों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों द्वारा किए गए हमलों में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे. इन सदस्यों द्वारा रची साजिश से क्योंकि कई लोगों की मौत हुई और उनका इरादा भी यही था या कम से कम वे इन कृत्यों से होने वाले खतरों से वाकिफ थे. यह हत्या के आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. अभियोजकों ने कहा कि कानून के तहत, इस संगठन के अन्य सदस्य भी हत्या के लिए जिम्मेदार माने जाएंगे, भले ही वे प्रत्यक्ष रूप से मौके पर मौजूद ना हो.
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