Enhanced Maintenance To Wife: मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी 61 साल पत्नी की दवाओं और खानपान के लिए उसे हर माह भुगतान करने का आदेश दिया है. पत्नी ने पति पर आरोप लगाए थे कि वह उसे छोड़कर अपनी सेक्रेटरी के साथ चला गया. इसके बाद कोर्ट ने पति को अक्टूबर 2020 से बकाया के साथ रखरखाव के रूप में 30,000 रुपये हर महीने देने का आदेश दिया है.


जानकारी के मुताबिक दादर की एक लोअर कोर्ट ने पति को उसे 20,000 रुपये महीना देने का आदेश दिया था, लेकिन दवाओं और खानपान के दामों में बढ़ोतरी की वजह से महिला ने सेशन कोर्ट  का दरवाजा खटखटाया.


बेटों को अकेला छोड़ सेक्रेटरी के साथ फरार


महिला ने कोर्ट में यह भी दावा किया कि अपने अफेयर की वजह से उसपर घरेलू हिंसा भी की. आदमी दादर में कई संपत्तियों का मालिक है. इसके अलावा वह शेयरों से भी कमाई करता है. महिला ने बताया कि वह हाउस वाइफ है और आरोप लगाया कि 2020 में व्यक्ति उसे और उसके बेटों को  अकेला छोड़कर अपनी सेक्रेटरी के साथ रहने चला गया था. जिसके बाद से महिला को अपने खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो रहा है.  


जज ने क्या कहा?
मामले में पति ने दावा किया कि उसके बेटों ने उसे दादर स्थित घर से निकाल दिया था. अदालत ने कहा कि क्या उसने घर छोड़ दिया था या उसे छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था, इसका फैसला ट्रायल कोर्ट से सबूत दर्ज किए जाने के बाद किया जा सकता है. सेशन जज माधुरी एम. देशपांडे ने आदेश में कहा कि पत्नी अलग रह रही है और उसके पास कमाने का कोई जरिया नहीं जबकि वह जबकि वह करोड़ों कमा रहा है.  देशपांडे ने कहा कि डेली जरूरतों की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से लोअर कोर्ट से दिए हुए गुजारा भत्ता का आदेश कम लगता है. जिसकी वजह से पति को दवाओं और खानपान के लिए बढ़ी हुई राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया.


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