(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
COVID-19: मुंबई के Bandra इलाके में हजारों लोग सड़क पर निकले, भीड़ हटाने के लिए पुलिस का लाठीचार्ज
लोगों ने शिकायत की कि उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए उन्हें उनके गांव तक भेजा जाए. बाद में लोगों को वहां से हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
मुंबई: लॉकडाउन के बीच मुंबई के बांद्रा में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. वे घर वापस भेजे जाने की मांग कर रहे थे. लोगों की शिकायत की कि उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए उन्हें उनके गांव तक भेजा जाए. वे घर जाने की इजाजत मांग रहे थे. बांद्रा वेस्ट के स्टेशन के सामने जामा मस्जिद के पास लोग हजारों की संख्या में इकट्ठा हो गए. इसमें ज्यादातर यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूर शामिल थे. हालांकि, बाद में स्थानीय नेताओं और पुलिस हस्तक्षेप के बाद वे वहां से चले गए. पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा.
मुंबई में अब तक कोरोना वायरस के कुल 1753 मामले- बीएमसी
बता दें कि बांद्रा को हॉटस्पॉट घोषित किया जा चुका है. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में यहां लोगों का जुटना चिंताजनक है. पूरे देश में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 2337 मामले हैं. बीएमसी के मुताबिक, मुंबई में आज कोरोना के 204 नए मामले आए हैं और 11 लोगों की मौत हुई है. मुंबई में अब तक 1753 मामलों की पुष्टि हुई है और 111 लोगों की मौत हुई है.
आदित्य ठाकरे ने क्या कहा?
इस बीच महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा, ‘’जिस दिन से ट्रेनों को बंद किया गया है, उसी दिन से राज्य ने ट्रेनों को 24 घंटे और चलाने का अनुरोध किया था ताकि प्रवासी मजदूर घर वापस जा सकें. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ने भी इस मुद्दे को पीएम मोदी के साथ हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस में उठाया था और साथ ही साथ प्रवासी मजदूरों के लिए एक रोडमैप बनाने का अनुरोध किया था.’’
Right from the day the trains have been shut down, the State had requested trains to run for 24 hours more so that migrant labour could go back home. CM Uddhav Thackeray ji raised this issue in the PM- CM Video Conf as well requesting a roadmap for migrant labour to reach home
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) April 14, 2020
नवाब मलिक ने कहा- हम लोगों को समझाएंगे
वहीं एसनसीपी के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सरकार ने लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया है. सरकार लोगों को खाना दे रही है लेकिन ये लोग वापस अपने घर भेजे जाने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जिम्मेदारी से नहीं भाग रही है. हम लोगों को समझाएंगे. उन्होंने कहा कि मुंबई में 20-40 लाख मजदूर काम करते हैं. उनके पास अलग-अलग जगह से तरह-तरह के बरगलाने वाले मैसेज आते है लेकिन हम उन्हें कहीं जाने नहीं देंगे. इससे पहले भी हमने किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी थी.
पुलिस और सरकार पर खड़े हुए कई सवाल
इस तरह से भीड़ जुटने के बाद महाराष्ट्र की सरकार और पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिर इतनी बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की जानकारी जुटाने में पुलिस नाकामयाब क्यों हो गई? सवाल ये भी है कि आखिर लोगों के सामने क्या मजबूरी हुई कि वो इतनी बड़ी संख्या में एक जगह इकट्ठा हो गए, क्या सरकार और प्रशासन इनके लिए भोजन का प्रबंध करने में नाकामयाब रही है? सबसे ज्यादा प्रभावित मुंबई में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?