मुंबई में कोरोना के मामलों को बढ़ता देख रेलवे ने सिर्फ उन्हीं लोगों को यात्रा करने की इजाजत दी है, जो अत्यावश्यक सेवा से जुड़े हुए हैं. फिर भी कई लोग हैं जो बिना किसी डर के बिना टिकट या फिर फर्जी दस्तावेज बनाकर ट्रेन में यात्रा कर रहे हैं. मुंबई के मध्य रेलवे के मुंबई डिवीजन ने इसी तरह के यात्रियों पर कार्रवाई में काफी तेजी लाई है और दो महीने में लगभग 75 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस कार्रवाई में रेलवे ने करोड़ो रुपये के फाइन भी वसूले हैं.
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि हमने 1 अप्रैल से लेकर 31 मई तक अवैध रूप से यात्रा करने वाले कुल 75 हजार 793 यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस कार्रवाई से रेलवे ने 3 करोड़ 97 लाख रुपये का दंड वसूला है. 14 अप्रैल से ही सामान्य जनता को रेलवे से यात्रा करने की इजाजत नहीं थी, और तभी से सिर्फ उसी यात्री को यात्रा करने की इजाजत है जो अत्यावश्यक सेवा जुड़े हुए हैं.
साथ ही 17 अप्रैल से 21 मई तक बिना मास्क के यात्रा करने वाले 1 हजार 61 यात्रियों के खिलाफ करवाई की गई है. रेलवे के आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो 808 ऐसे यात्री पकड़े गए जो लोग फर्जी आइडेंटिटी कार्ड बनाकर रेलवे में यात्रा कर रहे थे. ऐसे प्रत्येक यात्री से 500 रुपये का दंड वसूला गया. जांच के दौरान यह भी पता चला है कि फर्जी आईकार्ड बनाने वाले ज्यादातर यात्री बीएमसी के नाम का इस्तेमाल करते हैं.