मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बनी हुई है. अब कोरोना तेजी से मुंबई की गलियों में फैलता जा रहा है. इस बीच मुंबई में पुलिस और बीएमसी की बड़ी लापरवाही सामने आई है. एक सामाजिक कार्यकर्ता की चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने लापरवाही बरती और अब उसका खामियाजा पूरा इलाका भुगत रहा है.


दरअसल दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से निकलकर जमाती देश के अलग-अलग राज्यों में अपने घर पर गए. इसमें कई जमाती कोरोना संक्रमित पाए गए. राज्य सरकार, दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से लौटे हुए लोगों की सूची बनाकर उनकी खोजबीन कर रही है.



मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहने वाले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर और सामाजिक कार्यकर्ता अनिल यादव ने मुंबई पुलिस और मुंबई महानगर पालिका को 31 मार्च के दिन आगाह किया था कि घाटकोपर इलाके की पारसीवाडी बस्ती में दिल्ली की मरकज से लौटे 17 लोग हैं जो स्लम में रह रहे हैं. अनिल ने यह मांग करते हुए संदेश में लिखा की, मरकज से लौटे लोगों का कोरोना टेस्ट कराकर अगले 14 दिनों तक इन किसी सुरक्षित जगह क्वॉरंटाइन में रखा जाना चाहिए. जिससे उनकी और इलाके की लोगों की सुरक्षा से कोई समझौता ना हो.


अनिल यादव ने एबीपी न्यूज़ को बताया, '' हमारे वार्ड 129 पारसीवाड़ी घाटकोपर पश्चिम में टोटल 17 लोग दिल्ली मरकज से आये हैं. घाटकोपर पुलिस ने सिर्फ पूछताछ करके उन लोगों को घर भेज दिया, कोई टेस्ट नहीं करवाया गया. मरकज से लौटे लोगों में कोरोना संक्रमण मिला है, ऐसे में इनके पॉजिटिव होने की पूरी संभावना है. यह सब लोग स्लम में रहते हैं , सार्वजनिक शौचालय इस्तेमाल करते हैं ऐसे में संक्रमण हजारों में फैलेगा.''


सामाजिक कार्यकर्ता अनिल यादव ने ना केवल स्थानीय घाटकोपर पुलिस स्टेशन जाकर पुलिस को इसकी सूचना दी बल्कि बीएमसी के वार्ड अधिकारी को भी इसकी जानकारी दी. साथ ही साथ ट्विटर पर महाराष्ट्र सरकार के अलग-अलग विभागों और कई पत्रकारों को भी ट्विटर पर इस घटना के बारे में बताया. घाटकोपर पुलिस ने मरकज से लौटे लोगों का नाम पता लिखकर घर जाने दिया. अपने संदेश में अनिल यादव ने एक शख्स का नाम और पता सहित जिक्र किया जो मरकज से लौटा था.


31 मार्च को इस जानकारी के साझा करने के बाद भी पुलिस और प्रशासन हरकत में नहीं आई और 10 दिनों तक मरकज से लौटे हुए लोग इलाके में बेफिक्र घूमते रहे, लेकिन शनिवार को जो रिपोर्ट सामने आई और सभी का डर सच साबित हुआ. मरकज से लौटे 17 लोगों में से दो लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई जबकि एक में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं और रिपोर्ट आनी बाकी है.


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