मुंबई: अघाड़ी सरकार मज़दूरों को दो वक्त की रोटी देने में नाकाम रही, इसलिए मज़दूर मुंबई में रुकने को तैयार नहीं- संजय निरुपम
संजय निरुपम ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि बांद्रा में जो हो रहा है, वो होना ही था. क्योंकि उन्हें खाने को मिल नहीं रहा है. गांव लौटने से मना किया जा रहा है. आखिर कबतक दड़बे में बंद रहेंगे.?
मुंबई: कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने राज्य में मज़दूरों की बढ़ती मुसीबतों को लेकर महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी सरकार पर जमकर निशाना साधा. मज़दूर घर वापस जाने के लिए किस कदर परेशान हो रहे हैं इसपर उन्होंने कई सवाल खड़े किए हैं. संजय ने यह तक कह डाला कि महाविकास अघाड़ी सरकार की कार्यप्रणाली और नाकामियों के कारण मज़दूरों को इतनी मुसीबतें उठानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि ट्रांज़िस्ट फॉर्म और मेडिकल चेकअप के नाम पर आज मज़दूरों के दोगुने दाम सरकार वसूल रही है.
दरहसल आज कांग्रेस नेता संजय निरुपम प्रवासी मज़दूरों की समस्या को लेकर मुंबई के विरार पुलिस स्टेशन शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे. इस बीच उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की नाकामियों गिनवाते हुए कई सवाल खड़े किए. संजय निरुपम ने सरकार पर खुलेआम आरोप लगाया कि आज राज्य में जो प्रवासी मज़दूरों की हालत है उसके ज़िम्मेदार यह सरकार है. सरकार प्रवासी मज़दूरों की समस्या समझने और उसे सुलझाने में पूरी तरह से असफल रही है.
निरुपम मे कहा कि सरकार के पास मज़दूरों का कोई डेटा मौजूद ही नहीं है. उन्होंने कहा कि आज मज़दूरों का पेट भरने में सरकार असफल रही है और यही कारण है कि मज़दूर भारी संख्या में अपने घर लौटना चाहते हैं.
संजय निरुपम ने कहा,"मैं अगर इसे सरकार की नाकामी कहूंगा तो सरकार को अच्छा नही लगेंगा लेकिन यह सत्य है कि सरकार इस संकट को सही समय रहते नहीं भाप पाई है.''
संजय निरुपम अपने घर वापस लौटने के लिए परेशान मजदूरों की पुलिस स्टेशन के बाहर लंबी कतार देखने और उनका हाल जानने पहुंचे थे. वहीं मज़दूरों की मदद के लिए इलाके में मज़दूर हेल्प डेस्क खोलने की बात कही.