नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बुलेट ट्रेन को लेकर अहमदाबाद स्टेशन का लेआउट तैयार कर दिया गया है. अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया करीब 3000 रुपए होगा. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.


परियोजना को लागू करने वाले एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा, ''इस पूरी परियोजना के लिए हमें 1380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है जिसमें निजी, सरकारी, वन और रेलवे भूमि (गुजरात एवं महाराष्ट्र में) शामिल है. हमने अभी तक 622 (45 प्रतिशत) हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण कर लिया है. हम दिसंबर 2023 की समयसीमा को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रहे हैं.''


अचल खरे ने कहा, ''यह कार्य पूरा होने पर बुलेट ट्रेन सुबह छह बजे से देर रात 12 बजे तक 70 फेरे (हर तरफ से 35 फेरे) लगाएगी. टिकट का किराया करीब 3000 रुपए होगा. खरे के अनुसार इस मार्ग पर चार बड़े निर्माण कार्य पैकेज के लिए निविदाएं जारी की गई हैं और निर्माण कार्य मार्च 2020 में शुरु होने की उम्मीद है.


अचल खरे ने आगे बताया कि अनुमान के अनुसार पूरी परियोजना में 1.08 लाख करोड़ रुपए लागत आएगी और इस परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है. अहमदाबाद से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर के बीच बुलेट ट्रेन गलियारे में 12 स्टेशन होंगे.


बुलेट ट्रेन के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम ज़रूरी


IIT-Bombay के प्रोफेसर रवि सिन्हा ने एबीपी न्यूज को बताया था कि पालघर सेसमिक जोन 3 में आता है जिसे देखते हुए बुलेट ट्रेन की खातिर विशेष सुरक्षा इंतजाम ज़रूरी हैं. भारत में 4 सेसमिक जोन आते हैं. सेसमिक जोन एक में भूकंप आने की संभावना बिलकुल बेहद कम रहती है जो भारत पर लागू नहीं होता. सेसमिक जोन 2 से 5 भारत पर लागू होते हैं. सेसमिक जोन 2 में जो इलाके आते हैं वहां भूकंप की आशंका कम होती है और सेसमिक जोन 5 में जो इलाके आते हैं वहां बडे भूकंप की आशंका सबसे ज्यादा रहती है.


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