Mumbai Air Pollution: देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मायानगरी मुंबई में बुधवार (8 नवंबर 2013) को बांद्रा का प्रदूषण स्तर 200 दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के मुताबिक मुंबई में वायु प्रदूषण के पीछे वहां होने वाला बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, कार और ट्रक से निकला धुआं है, दिल्ली और मुंबई में यही अंतर है कि मुंबई गैस चेंबर नहीं बनती है. 


ऐसे में सवाल उठता है कि जब मुंबई में भी दिल्ली जितना प्रदूषण है तो आखिर क्यों एक्यूआई चार्ट में दिल्ली से कम प्रदूषण दिखता है. तो इसका सबसे बड़ा कारण है इसकी भौगोलिकता. दरअसल मुंबई हिंद महासागर के तट पर स्थित है, जहां औसतन 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती रहती हैं. यह शहर तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है इसलिए यहां की हवा अपने साथ प्रदूषण के कण उड़ा ले जाती है और यहां की हवा दिल्ली के मुकाबले कम खतरनाक बनी रहती है. 


दिल्ली में क्या है वायु प्रदूषण?
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता को लेकर स्थिति बहुत से अधिक गंभीर बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार पूरी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. एक्यूआई के मुताबिक 8 नवंबर 2023 को सुबह वायु की गुणवत्ता 500 से अधिक दर्ज की गई.


दिल्ली में प्रदूषण के कारकों को देखें तो हम पाएंगे बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, कार और ट्रक से निकले धुएं के अलावा यहां पर पडोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली भी है. जिसका धुआं उत्तर-पूर्व से आने वाली हवाओं के कारण दिल्ली के आकाश में जम जाता है और यहां के पहले से ही रोज पैदा रहे पॉल्युशन के साथ मिलकर इसको गैस चेंबर से भी ज्यादा गंभीर बना देता है. 


भौगोलिकता भी एक वजह
दिल्ली एक मैदानी राज्य है, जहां हवा सामान्यत: 2 से 3 किमी घंटे की रफ्तार से ही चलती है, जिसके कारण प्रदूषण के कण उड़कर उतनी तेजी से नहीं जा पाते हैं जोकि सामान्य अवस्था में जाने चाहिए. इसलिए भी यहां प्रदूषण धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है.


ये भी पढ़ें: 'मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व की करता हूं बात, तो मुझे कहते हैं एंटी-नेशनल', पीएम के ओबीसी सीएम वाले बयान पर ओवैसी का तंज