मुबंई: एंटीलिया केस में रोज होते नए खुलासे हैरान करने वाले हैं. विस्फोटक केस में अब डॉन का नाम भी आ गया है. मुकेश अंबानी के घर पास विस्फोटक भरी स्कॉर्पियो गाड़ी को मिले हुए एक महीना हो गया लेकिन साजिश के तार सुलझने की बजाय लगातार उलझते जा रहे हैं. NIA सूत्रों के मुताबिक, एंटीलिया केस की जांच को भटकाने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के गैंग से जुड़े एक बड़े शख्स को फर्जी टेलीग्राम बनाकर
धमकी भरा मैसेज भेजने के लिए कहा गया था.
मैसेज दुबई से भेजने को कहा गया था लेकिन धमकी आई दिल्ली की तिहाड़ जेल से और वो भी इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी सेल से. अब NIA इसकी जांच के लिए सबूत जुटा रही है. एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी जैश उल हिंद नाम के संगठन ने जिम्मेदारी ली थी. इसी की जांच के लिए मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक प्राइवेट साइबर फर्म की मदद ली थी लेकिन इसको कहीं भी रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया.
सूत्रों के मुताबिक NIA इस बात पर भी हैरान है कि तिहाड़ से धमकी के बाद मुंबई पुलिस ने दिल्ली पुलिस से जानकारी क्यों नहीं ली कि ये काम किसके इशारे पर हुआ. ना ही इसको लेकर कोई मामला दर्ज किया गया.
"मुझे बलि का बकरा बनाया जा रहा है"
कल एक विशेष अदालत ने सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे की एनआईए हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ा दी है, जो एसयूवी स्कॉर्पियो मामले में मुख्य आरोपी है. कार में एक धमकी भरा पत्र भी मिला था. इस मामले में वाजे मुख्य आरोपी है, जिसकी जांच फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है.
अदालत के समक्ष अपने प्रस्तुतिकरण में, वाजे ने आग्रह किया कि एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह निर्दोष है और पूरे मामले में फंसाया जा रहा है. वाजे ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा, "मुझे इस पूरी घटना में बलि का बकरा बनाया जा रहा है. अपराध से मेरा कोई लेना-देना नहीं है." वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की ओर से नौ मार्च को जांच का जिम्मा संभाले जाने के चार दिनों बाद ही वाजे को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले के सामने आने के बाद से राजनीति गरमाई हुई है.
ये भी पढ़ें-
एंटीलिया विस्फोटक केस में खुल गया धमकी भरी चिठ्ठी का राज, सचिन वाजे ने कबूला जुर्म
एंटीलिया और मनसुख हिरेन केस में अब तक छह गाड़ियां जब्त, पांच लग्जरी कार और एक पुलिस की गाड़ी शामिल