मुंबई: मुंबई के बांद्रा इलाके में एक बार फिर अचानक हजारों मजदूरों की भीड़ जमा हो गई. यह भीड़ बांद्रा इलाके के बांद्रा टर्मिनस के नजदीक जमा हुई. मजदूरों को यह सूचना मिली कि बांद्रा टर्मिनस से उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं और यह जानकारी सुनते ही हजारों मजदूरों की भीड़ बांद्रा टर्मिनस की ओर बढ़ती चली गई. बांद्रा टर्मिनस पहुंचते ही स्थानीय पुलिस ने स्पष्ट किया कि जिन मजदूरों को उचित पास दिया गया है और जिनका लिस्ट में नाम दर्ज है वही लोग यात्रा कर पाएंगे बाकी लोगों को पुलिस ने वापस लौटा दिया.
मंगलवार की सुबह करीब 9 बजे से यह भीड़ जुटना शुरू हुई और 12 बजे के बीच हजारों की संख्या में मजदूर पूरे सड़क पर जमा हो गए. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि सोशल डिस्टेंसिंग नाम की कोई चीज नजर नहीं आई और पुलिस को इस भीड़ को रोकने के लिए काफी मशक्कत और हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा.
इस मामले पर वेस्टर्न रेलवे ने बयान दिया कि बांद्रा टर्मिनस से बिहार के पूर्णिया के लिए एक विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही थी और राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत यात्रियों को ही यात्रा करने की इजाजत दी गई थी. लेकिन बहुत सारे लोग जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था और ना ही पुलिस विभाग द्वारा उन्हें बुलाया गया था वह लोग भी बांद्रा टर्मिनस स्टेशन के नजदीक ब्रिज पर और सड़क पर जमा हो गए. जिन यात्रियों का नाम पहले से रजिस्टर में दर्ज था उन यात्रियों को जांच पड़ताल कर ट्रेन में बिठाया गया और ट्रेन को बांद्रा टर्मिनस से दोपहर 12 बजे रवाना किया गया. जिसमें करीब 1700 मजदूर और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे.
मुंबई पुलिस ने कहा अफवाह की वजह से जमा हुई भीड़
जोन के डीसीपी मंजूनाथ शिंगे एबीपी न्यूज़ को बताया कि आज दोपहर 12 बजे बांद्रा टर्मिनस से बिहार के लिए ट्रेन जाने वाली थी. इसके लिए प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन किया था और उन्हीं यात्रियों को सूचना दी गई थी. लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से यह अफवाह फैलाया गया कि एक अतिरिक्त ट्रेन 4 बजे बिहार के लिए रवाना होगी. इसकी वजह से अफवाह फैल गई और यात्रियों की एक भीड़ रेलवे स्टेशन परिसर में जमा हो गई. जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनकी संख्या इस भीड़ में ज्यादा थी. पुलिस को मध्यस्थता कर लोगों को वापस उनके घर भेज दिया गया.
इसके पहले लॉकडाउन के पहले चरण के समापन के बाद जब दूसरे चरण का एलान किया गया था तब भी हजारों की संख्या में मजदूर, स्थानीय और कुछ उपद्रवी लोग बांद्रा स्टेशन पर जमा हो गए थे. तब आरोप लगाया था कि प्रशासन द्वारा खाने-पीने की चीजें भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं.
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