मुंबई: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच मुंबई में ज़रूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को कहीं आने जाने में दिक्कत ना हो इसलिए 'बेस्ट' की बसें लगातार सड़कों पर दौड़ रही हैं. पर बेस्ट के कर्मचारी भी कोरोना संक्रमण के शिकार हो रहे हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है. बेस्ट के कर्मचारियों और संगठन पिछले कुछ दिनों से बीएमसी और सरकार से कोरोना संकट में सुरक्षा को लेकर मांग कर रहे थे. अब संगठन और कर्मचारियों ने बीएमसी और सरकार पर उनकी मांगों पर गौर नहीं करने का आरोप लगाया है. अब संगठन ने सोमवार को बंद का एलान कर दिया है.
बेस्ट कर्मचारियों के संगठन ने मांग की थी कि कोरोना महामारी में अगर किसी कर्मचारी की कोरोना से मौत होती है तो परिवार को 50 लाख रुपये का बीमा दिया जाए. इसके अलावा काम के दौरान कर्मचारियों को सुरक्षा के लिए हैंड सैनीटाइज़र, मास्क और ग्लव्स भी दिए जाएं. हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह चीजें उपलब्ध कर दी गई हैं. पर कर्मचारियों का कहना है कि ये चीजें सभी तक नही पहुंचतीं.
कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले मुंबई में हैं. ऐसे में शहर में लोकल ट्रेने बंद हैं और बेस्ट बस ज़रूरी सेवा में शामिल हैं और इसी बेस्ट बस से मुंबई में बाकी ज़रूरी सेवा से जुड़े लोग, जैसे पुलिस और मेडिकल स्टाफ भी ट्रैवल करते हैं. ऐसे में अगर बेस्ट बस के कर्मचारी काम बंद करते हैं, तो मुंबई में कोरोना के संकट में बाकी सेवाओं पर भी भारी असर पड़ सकता है.
मुंबई महानगर पालिका के मुताबिक, "मुंबई में मुंबई महानगर पालिका के अंतर्गत आने वाले बेस्ट बस विभाग में काम करने वाले 95 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इन 95 कर्मचारियों में से 6 लोगों की मौत हुई है. 55 कर्मचारियों का उपचार अस्पताल में चल रहा है. 34 कर्मचारी ठीक भी हो गए हैं."