Maharashtra Poltics: कांग्रेस नेता संजय निरुपम के मुताबिक बीते 14 नवंबर को उत्तर पश्चिम मतदान क्षेत्र में एक बाइक रैली निकालना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने पुलिस अधिकारियों को लेटर लिखा था और इजाजत मांगी थी. उन्हें इजाजत नहीं मिली, लेकिन रैली निकालने से पहले ही पुलिस के लोग उनके घर पर पहुंच गए और उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाने के लिए जबरदस्ती करने लगे. इसकी शिकायत उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से की है. इसका जवाब नहीं आने के बाद संजय निरुपम ने 4 दिसंबर को फिर से एक रैली के लिए मुंबई पुलिस को लेटर लिखा.


इसके जवाब में उनसे कहा गया है कि पहले आप अपनी रैली का नारा बताइए, उसके बाद ही इजाजत देने पर विचार किया जाएगा. परमिशन ना देने की वजह यह भी बताई गई कि संजय जिस क्षेत्र में रैली निकालना चाहते थे वहां पर मेट्रो का काम चल रहा है. उसकी वजह से भी परमिशन नहीं दिया जा रहा है.


संजय निरुपम ने कहा- ये लोकतंत्र की हत्या है


संजय निरुपम के मुताबिक उनके राजनीतिक करियर में यह पहली बार है जब इस तरह से उन्हें किसी भी तरह की रैली की परमिशन के लिए मुंबई पुलिस बेतुकी वजह बता रही है. यह लोकतंत्र की हत्या है और मुंबई पुलिस पूरी तरह से शिंदे सरकार के कहने पर इस तरह के कदम उठा रही है. 


जनता तक पहुंचना चाहते थे निरुपम


संजय निरुपम का आरोप है कि वो मुंबई के उत्तर पश्चिम मतदान क्षेत्र में जो शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर का संसदीय क्षेत्र है. जो अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना को छोड़कर शिंदे गुट के साथ शामिल हो गए हैं. बीते सालों में गजानन कीर्तिकर ने अपने क्षेत्र में क्या काम किया है. उसी के चलते इस मतदान क्षेत्र में जनता तक पहुंचना चाहते हैं जिसके लिए वह मुंबई पुलिस से इजाजत मांग रहे हैं. लेकिन तमाम तरह के बहाने बताकर मुंबई पुलिस कांग्रेस की बाइक रैली की परमिशन नहीं दे रही है. क्योकि शिंदे सरकार उद्धव गुट से शिंदे गुट में आए सांसद गजानन कीर्तिकर के नाकामी को पुलिस की मदद से छुपाने की कोशिश कर रही है.


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