BBC Documentary Screening: 2002 के गुजरात दंगे पर आधारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. दिल्ली की जेएनयू, जामिया, डीयू और अंबेडकर विश्वविद्यालय में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा हुआ. वहीं अब मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के छात्रों ने शनिवार शाम को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की है.
टाटा इंस्टीट्यूट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को दिखाए जाने की घोषणा को लेकर मुंबई के बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की है.
नहीं तो हमें कदम उठाना होगा- आशीष शेलार
आशीष शेलार ने ट्वीट किया, "पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए वरना हमें कदम उठाना होगा. यह एक फर्जी डॉक्यूमेंट्री है और जो लोग इस डॉक्यूमेंट्री को सार्वजनिक रूप से दिखाने के लिए घाषणा कर रहे हैं वो तनाव बढ़ा रहे हैं. इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होगी. TISS को इसे तुरंत बंद करना चाहिए,"
छात्रों ने घाषणा की
इस हफ्ते की शुरुआत में, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के एक छात्र संघ, प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम (पीएसएफ) ने दिल्ली के छात्रों के समर्थन में शनिवार को कैंपस में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा की थी. इस बीच, प्रशासन ने शुक्रवार को कैंपस में डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग की परमिशन देने से मना कर दिया.
संस्थान की छात्रों को नसीहत
संस्थान ने छात्रों से कहा है कि सभी छात्रों को सूचित किया जाता है कि संस्थान ने ऐसी किसी भी स्क्रीनिंग और सभाओं की परमिशन नहीं दी है. यह संस्थान के शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ सकती है और हमारे परिसर में शांति और सद्भाव को खतरे में डाल सकती है. टिस प्रशासन ने छात्रों को सलाह दी है कि इस सलाह के विपरीत ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों.
इसके साथ ही पुणे के भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) छात्र संघ ने प्रतिष्ठित संस्थान के कैंपस में बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की. एफटीआईआई के छात्र संघ ने शनिवार को यह जानकारी दी. एफटीआईआई स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने यहां जारी बयान में कहा, "26 जनवरी को बीबीसी के प्रतिबंधित वृत्तचित्र इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का हमने एफटीआईआई में प्रदर्शन किया."