Mumbai: BMC मुख्यालय में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा को मिला दफ्तर, कांग्रेस, पवार और उद्धव गुट ने घेरा
BMC Politics: बीएमसी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि मुंबई के किसी प्रभारी मंत्री का दफ्तर बीएमसी मुख्यालय में खोला गया हो.
Mumbai BMC Politics: महाराष्ट्र सरकार में बीते शुक्रवार (21 जुलाई) के दिन मंत्री और मुंबई उपनगर के प्रभारी मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा का दफ्तर बीएमसी मुख्यालय के पहली मंजिल पर खोला गया. बीएमसी मुख्यालय में मंगल प्रभात लोढ़ा का दफ्तर खोले जाने से विपक्षी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) पार्टी के नेता नाराज है.
बीएमसी के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि मुंबई के किसी प्रभारी मंत्री का दफ्तर बीएमसी मुख्यालय में खोला गया हो. बीएमसी में मंगल प्रभात लोढ़ा का दफ्तर खोले जाने के बाद सवाल यही है कि क्या बीएमसी में मंगल प्रभात लोढ़ा का नया ऑफिस बीजेपी का नया पॉलिटिकल अड्डा बन जाएगा?
यह सवाल हम इसलिए कर रहे है क्योंकि हर हफ्ते सोमवार-शुक्रवार रोजाना एक-एक दिन बीजेपी के पूर्व पार्षद दिन में दो बार सुबह और शाम इसी दफ्तर में बैठकर सार्वजनिक शिकायतों का समाधान करेंगे. वो भी तब जब पार्टियों के दफ्तरों को बीएमसी आयुक्त ने 7 महीने पहले ही बंद कर दिया है.
बीजेपी की पूर्व पार्षद ये बोलीं
बीजेपी की पूर्व पार्षद राजेश्री शिरवडकर ने कहा कि मंगल प्रभात लोढ़ा की तरफ से एक अच्छी पहल की गई है. एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. बीएमसी में प्रशासक का शासन है. मुंबईकर परेशान हैं. हम लोग यहां बैठकर लोगों की परेशानी को हल करने का काम करेंगे. मंगल प्रभात लोढ़ा ने यह कभी नही कहा कि यहां दूसरे पार्टी के पार्षद नहीं आ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी पार्टियों के पूर्व पार्षद भी यहां आकर लोगों की समस्याओं को सुनना चाहते हैं तो वो यहां आ सकते हैं. उनसे हमें कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन असल में बात यह है कि कुछ लोगों का काम सिर्फ आरोप लगाना होता है. उन्हें जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है. नेहल शाह ने कहा कि मंगल प्रभात लोढ़ा हफ्ते के सभी दिन यहां नहीं आ सकते हैं. इसलिए हमें निर्देश दिया गया है कि दफ्तर में बैठकर लोगों की समस्या को सुनकर उसका हल निकालें.
विपक्षी नेताओं का क्या कहना है?
कांग्रेस विधायक असलम शेख ने कहा, ''बीएमसी में अपना कार्यालय खोल लेते हैं, वो क्या पार्षद बनना चाहते है? ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई पालक मंत्री इस तरह से बीएमसी में ऑफिस खोलता हो. मैं भी पालक मंत्री था, लेकिन ऐसा हमने नहीं किया, अगर पार्षद वहां आकर हाजरी लगा रहे हैं तो सभी पार्टियों के लिए कार्यालय खोल दो.''
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका के मुख्य कार्यालय में बड़ी ही चालाकी के साथ बीजेपी के नेताओं और पूर्व नगरसेवकों का दफ्तर लगाया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ दूसरे दलों के कार्यालय बंद कर दिए गए हैं. मुंबई उपनगर के पालक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा जी का कार्यालय बीएमसी ऑफिस में कैसे आवंटित हुआ, यह भी आश्चर्य का विषय है. प्रशासक, सरकार और बीजेपी विपक्ष को पूरी तरह से नजरअंदाज क्यों कर रही है. लोकतंत्र, संविधान का कोई सम्मान बचा कि नहीं?
शरद पवार गुट वाली एनसीपी के जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर मंगल प्रभात लोढ़ा का दफ्तर बीएमसी में शुरू गया है तो फिर सभी पार्टियों का दफ्तर बीएमसी मुख्यालय में शुरू किया जाना चाहिए, साथ ही राज्य के सभी विधायकों का भी दफ्तर भी बीएमसी में शुरू कर देना चाहिए.
वहीं, बीजेपी की ओर से कहा गया कि इस बात की खुशी है कि मुंबई के पालक मंत्री का दफ्तर सही जगह पर शुरू किया गया है. मंगल प्रभात लोढ़ा की तरफ से जो पहल की गई है, उसका स्वागत है.
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