Court News:बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने अपनी एक टिपप्णी में कहा है कि, गर्लफ्रेंड अगर प्रेग्नेंट (Pregnant) है और ब्वॉयफ्रेंड उसके प्रति उदासीन रवैया दिखाता है तो इसे आत्महत्या (Suicide) के लिए उकसाना नहीं कहा जा सकता है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी 16 साल की गर्लफ्रेंड को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार एक लड़के को जमानत देते हुए की. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि मृतका गर्भवती नहीं थी.


मृतका की मां ने लड़के के खिलाफ दर्ज कराया था केस
बता दें कि मामला 3 मार्च 2021 को ठाणे जिले का है. उस समय लड़के की उम्र 19 वर्ष थी और लड़की 16 साल की थी. लड़की की मां ने अपने बेटी और लड़के की व्हाट्सएप चैट की बुनियाद पर केस दर्ज कराया था. चैट के मुताबिक लड़के और लड़की के बीच काफी नजदीकियां थीं. लड़की को ऐसा लगा कि वह प्रेग्नेंट हो गई है और इस बारे में उसने व्हाट्सएप पर लड़के को मैसेज कर बताया भी था. हालांकि लड़का इसके प्रति उदासीन ही रहा. बाद में दुखी होकर लड़की ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने  आरोपी लड़के को मार्च, 2021 में गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और पॉक्सो की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा?
वहीं मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई ताजा सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ती भारती डांगरे ने कहा की लड़की गर्भवती होने की आशंका के चलते परेशान थी और उसे अपने ब्वॉयफ्रेंड से भी उदासीन प्रतिक्रिया मिली जिसके बाद दुखी होकर उसने आत्महत्या कर ली. इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसावा साबित करना जरूरी है और आरोपी की उदासीनत प्रतिक्रिया से ये साबित नहीं होता है. कोर्ट ने कहा कि उस समय आरोपी लड़के की उम्र भी ज्यादा नहीं थी इसलिए उसे 25 हजार के बॉन्ड पर जमानत दी जाती है.


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