मुंबई: मुंबई के घाटकोपर में आज चार मंजिला बिल्डिंग के ढहने से 12 लोगों की मौत हो गई और मलबे में कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है. कंक्रीट के मलबे के भीतर लोगों के फंसे होने की आशंका के चलते बचाव अभियान अब भी जारी है. जमींदोज हुई बिल्डिंग में रहने वाले एक शख्स ने दावा किया कि ग्राउंड फ्लोर पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था और बिल्डिंग गिरने की यह वजह हो सकती है .


बचाव अभियान में शामिल दमकल अधिकारियों के मुताबिक मलबे से अब तक करीब 18 लोगों को निकाला गया और नजदीक अस्पतालों में भेजा गया. हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए.


बीएमसी के दमकल विभाग के प्रमुख पी एस रहांगडाले ने बताया कि मारे गए आठ लोगों में छह महिलाएं हैं. मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी काम में लगाया गया है. घाटकोपर के दामोदर पार्क इलाके में आज सुबह ढहने वाली बिल्डिंग में करीब 15 परिवार रहते थे. माना जा रहा है कि मलबे में फंसे अधिकतर लोगों में बुजुर्ग और महिलाएं हैं.


बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि नगर निकाय के कंट्रोल रूम को इस दुर्घटना के बारे में सुबह करीब 10.43 बजे फोन के जरिए जानकारी मिली. उन्होंने बताया कि चार दमकल गाड़ियां, एक बचाव वाहन और एक एंबुलेंस को घटनास्थल पर तुरंत भेजा गया.


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने सुबह में उस तरह की तेज आवाज सुनी जैसा कि मानसून के दौरान बिजली कड़कने से होती है. बगल में रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘‘इसके बाद मैं अपने घर से बाहर निकला और धूल का गुबार नजर आया, चीख पुकार सुनी. मैंने बिल्डिंग का कुछ हिस्सा गिरते देखा. ’’ स्थानीय लोगों के मुताबिक यह 35 साल पुरानी बिल्डिंगथी.


पिछले कुछ दिनों में शहर और इसके उपनगर में भारी बारिश हुई है हालांकि कल से कुछ राहत मिली है. उसी बिल्डिंग में रहने वाले राजेश दियोरा ने बताया कि वह बच गए क्योंकि बिल्डिंग गिरने से पहले वह अपने दफ्तर के लिए निकल गए थे. मुंबई पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री सड़क पर यातायात रोककर उन्हें ‘‘ग्रीन कॉरिडोर’’ प्रदान किया.स्थानीय लोगों के मुताबिक बिल्डिंग खतरनाक की सूची में नहीं थी .