मुंबई में बहुमंजिला इमारत ढहने से 33 की मौत, अभी भी मलबे में दबे हैं कई लोग
यह त्रासदी ऐसे समय में हुई है जब मात्र दो दिन पहले शहर में मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था. सड़क, रेल और हवाई सेवाएं ठप हो गई थीं. घरों में पानी भर गया था
मुंबई: दक्षिण मुंबई के भिंडी बाजार में पांच मंजिला इमारत गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 तक पहुंच गई है. हादसे की जगह अभी भी राहत और बचाव का कार्य जारी है. अभी भी मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. कहा जा रहा है कि ये इमारत 117 साल पुरानी थी. कल सुबह करीब साढ़े आठ बजे ये हादसा हुआ था.
अब तक करीब 40 लोगों को निकाला जा चुका है
शहर के मुख्य दमकल सेवा अधिकारी ने बताया कि मृतकों में सबसे ज्यादा संख्या पुरुषों की है. मलबे से अब तक करीब 40 लोगों को निकाला जा चुका है. इस इमारत में आवास, गोदाम और एक प्लेस्कूल भी था. अधिकारियों ने बताया कि कई लोगों के अब भी इस इमारत के मलबे में फंसे होने की आशंका है.
इमारत में रहते थे करीब नौ परिवार
बचाव अभियान के दौरान पांच दमकलकर्मी और एक एनडीआरएफ जवान भी जख्मी हुआ है, उन्हें भी जेजे अस्पताल ले जाया गया है. इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है और चार अन्य को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. दमकल कर्मियों ने बताया कि क्षत-विक्षत हुसैनी इमारत में करीब नौ परिवार रहते थे.
इमारत को साल 2011 में मिली थी पुनर्विकास के लिए मंजूरी
इस इमारत में एक प्ले स्कूल भी था. इस प्ले स्कूल में बच्चों के पहुंचने के कुछ ही मिनटों पहले इस इमारत के ढहने से कई बच्चे बाल बाल बच गए. राज्य के आवास मंत्री रवींद्र वायकर ने कहा कि इस इमारत को साल 2011 में पुनर्विकास के लिए मंजूरी मिली थी और इसे खाली कराया जाना था.
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस ने घटनास्थल का दौरा किया और राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ इस मामले की जांच कराए जाने के आदेश दिए. उन्होंने मृतकों के करीबी परिजन को पांच-पांच लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया. उन्होंने यह भी कहा कि घायल हुए लोगों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
मई 2016 में दी गई थी इसे गिराए जाने की अंतिम मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘संबंधित एजेंसियों ने पुनर्विकास परियोजना को मंजूरी दी थी और इस इमारत को ढहाया जाना था. इसे ढहाए जाने की अंतिम मंजूरी मई 2016 में दी गई थी लेकिन कुछ परिवारों ने इस इमारत में ही ठहरने का विकल्प चुना जिसके कारण लोगों की जान गई.’’ इस इमारत को महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) की ओर से ‘‘असुरक्षित’’ घोषित किया गया था.
दो दिन पहले मुंबई में हुई थी भारी बारिश
यह त्रासदी ऐसे समय में हुई है जब मात्र दो दिन पहले शहर में मूसलाधार बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था. सड़क, रेल और हवाई सेवाएं ठप हो गई थीं. घरों में पानी भर गया था और कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. कई लोगों को संदेह है कि पहले से ही जीर्ण शीर्ण इमारत को बारिश के कारण और नुकसान हुआ और वह इसी कारण ढह गई.