नई दिल्ली: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बेहद दुखद हादसा हुआ है. मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक चार्टर्ड प्लेन हादसे का शिकार हो गया जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में पायलट मारिया कुबेर, को-पायलट प्रदीप राजपूत, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर मनीष पांडे और सुरभि शामिल हैं. इसके साथ ही एक राहगीर गोविंद पंडित की भी मौत हुई है. हादसे वाली जगह पर फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौजूद है, राहत एवं बचाव कार्य बेहद तेजी से चल रहा है. जानकारी के मुताबिक उड़ान से पहले विमान की पूजा भी की गई थी. विमान के टायर के आगे नारियल फोड़ा गया था.


कैसे हुआ हादसा?
चार्टर्ड प्लेन ने जुहू एयरपोर्ट से परीक्षण उड़ान भरी थी और इसे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड करना था. लैंडिग से कुछ मिनट पहले ही दोपहर करीब 1 बजकर 16 मिनट पर प्लेन घाटकोपर के सर्वोदय नगर स्थित रिहायशी इलाके में क्रैश कर गया. प्लेन पहले सड़क पर गिरा इसके बाद फिसलते हुए एक निर्माणाधीन बिल्डिंग से जा टकराया.


हादसे के दौरान पायलट ने सूझबूझ दिखाई और सघन आबादी वाले इलाके में भी खाली जगह में प्लेन को लैंड करने की कोशिश की. पायलट मर्या जुबेरी मुंबई और को पायलट प्रदीप राजपूत दिल्ली के रहने वाले हैं. हादसे का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि प्लेन क्रैश होने के कुछ देर बाद ही एक शव को पास में ही जलते देखा गया.


प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिला
दुर्घटना के बाद बेहद सघन तालाशी अभियान के बाद क्रैश हुए चार्टर्ड प्लेन का ब्लैक बॉक्स मिल गया है. ब्लैक बॉक्स के जरिए हादसे की मुख्य वजह पता चल सकेगी. दरअसल ब्लैक बॉक्स को तकनीकी भाषा में फ्लाट डाटा रिकर्डर भी कहते हैं. हादसे के वक्त के आखिरी क्षणों का डाटा इस ब्लैक बॉक्स में दर्ज होता है.


इसमें पायलट की एटीसी से की गई बातचीत, प्लेन के अंदर की आवाजें, अलार्म सभी कुछ रिकॉर्ड होता है. इसमें कॉकपिट एरिया में हुई बातचीत भी रिकॉर्ड होती है. इसका नाम ब्लैक बॉक्स होता है लेकिन असल में इसका रंग नारंगी होता है. यह बेहद मजबूत मैटेरियल का बना होता है, जिससे हादसे के बाद भी इसे नुकसान नहीं पहुंचता.


पहले यूपी सरकार का था प्लेन
घाटकोपर में क्रैश होने वाला चार्टर्ड प्लेन बीनक्राफ्ट किंग एयर सी-90 टर्बोकॉप है. दो इंजन वाले इस प्लेन का निर्माण साल 1995 में हुआ था. इस विमान की क्षमता 12 लोगों की है लेकिन अच्छी बात ये रही आज इसमें सिर्फ चार लोग ही सवार थे.


यह विमान पहले उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में था लेकिन साल 2014 में यूपी सरकार ने इसे मुंबई की यूवाय एविएशन कंपनी को बेच दिया था. पिछले साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का हेलीकॉप्टर मुंबई के अलीबाग के पास दुर्घटनाग्रस्त होते होते बचा था. जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री फडणवीस जिस हेलीकॉप्टर में थे वो इसी कंपनी का था.


देश में अब तक के बड़े प्लेन क्रेश हादसे
17 जुलाई 2000 में बोइंग 737 प्लेन जिसमें 58 लोग सवार थे बिहार के पटना के पूर्वी हिस्से में हाउसिंग कॉप्लेक्स के पास क्रैश हुआ था. यह विमान कुछ ही मिनट बाद पटना एयरपोर्ट पर लैंड क रने वाला था. क्रैश होते ही विमान में आग लग गई.


आठ सितंबर 2008 को हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पास घनी आबादी में एक सेसना ट्रेनर एयरक्रफ्ट क्रैश हुआ. इसमें ट्रेनी पायलट और ट्रेनर की मौत हो गई.


26 मार्च 2011 को दिल्ली के पास फरीदाबाद में एक मेडिकल एबुलेंस भी घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में क्रैश हो गई. यह फ्लाइट दिल्ली से पटना जा रही थी. इस हादसे में प्लेन में सवाल सात लोगों समेत कुल 10 की मौत हुई थी.


31 अक्टूबर 2017 को एक कम उंचाई पर उड़ रहा एयरक्राफ्ट सिकंदराबाद के लालापेट में घनी आबादी वाले इलाके में दुर्घटना का शिकार हो गया. इससे पहले इस एयरक्राफ्ट का धातु का दरवाजा हवा में ही खुल गया और एक दो मंजिला इमारत की खाली छत पर गिर गया था.