तमाम अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में बार-बार यह बात सामने आती है कि मुंबई 2050 तक डूब जाएगी. पिछले कुछ सालों से मुंबई में होने वाली बारिश समुद्र में बार-बार उठने वाला तूफान और बढ़ती गर्मी ग्लोबल वार्मिंग का असर मुंबई में पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन का असर साफ तौर पर दिखाई देता है.


ऐसे में पर्यावरण परिवर्तन के असर को धीमा करने मुंबई के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए बीएमसी ने मुंबई क्लाइमेट एक्शन प्लान नाम से इनिशिएटिव शुरू किया है. क्या है यह इनिटीएटिव और कैसे बन रही है पर्यावरण परिवर्तन से मुंबई को बचाने की योजना?


यूएस की एजेंसी क्लाइमेट सेंट्रल की रिपोर्ट में पिछले दिनों दावा किया गया था कि 2050 तक मुंबई समुद्र में डूब जाएगी. नेचर कम्युनिकेशन जनरल की रिपोर्ट में थी ग्लोबल वार्मिंग के चलते मुंबई के डूबने की बात बताई गई है. हर साल जिस तरीके से बारिश होती है और पिछले कुछ सालों से बार-बार अरब सागर में जैसे तूफान उठ रहे हैं मुंबईकरो ने ऐसा पहले कभी नहीं देखा है. ऐसे में मुंबई के अस्तित्व को लेकर लोगों के मन में डर बना हुआ है क्या मुंबई वाकई खत्म हो जाएगी.


क्लामेट चेंज का मुंबई पर पड़ सकता है बुरा असर


रिसर्च एजेंसियां कर रही है दावा कि 2050 तक 70 फीसदी मुंबई डूब जाएगी. 1891 के बाद 3 जून 2020 को पहली बार मुंबई में आया तूफान तब से निसर्ग तूफान के बाद से मुंबई में दो बार साइक्लॉन आ चुका है. इन तमाम चुनौतियों के बीच मुंबई के भविष्य को लेकर बीएमसी ने मुंबई क्लाइमेट चेंज प्लान नाम की योजना की शुरुआत की है. इसके लिए वेबसाइट लॉन्च की गई. लोगों से 20 सितंबर तक सुझाव मांगे गए हैं आखिरी में नवंबर तक प्लान की घोषणा की जाएगी.


इस आयोजन में पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल मुंबई की मेयर और प्लानिंग से जुड़ी हुई तमाम एजेंसियां जुड़ी हुई थी. आम लोगों से भी पर्यावरण परिवर्तन से बचने के उपाय मांगे गए हैं जो कि इस वेबसाइट पर जाकर अपने विचार रख सकते हैं. ओनलाइन इस मीटिंग में मुंबई के कमिश्नर इकबाल चहल ने पर्यावरण परिवर्तन के असर के लेकर चिंता जाहिर की. पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि क्लाइमेट परिवर्तन को रोका नहीं जा सकता पर इसकी रफ्तार धीमी की जा सकती है इसी कड़ी में यह क्लाइमेट एक्शन योजना बनाई गई है.


https://mcap.mcgm.gov.in/about/


क्लाइमेट एक्शन प्लान के तहत 6 सूत्री कार्यक्रम है जिनके आधार पर भविष्य का नियोजन होगा जिसके अंतर्गत वेस्ट मैनेजमेंट, अर्बन ग्रीनिंग, बायोडायवर्सिटी, अर्बन प्लैनिंग एंड वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट, ऊर्जा क्रियानमन, अच्छी गुणवत्ता की हवा सस्टेनेबल मोबिलिटी इन सभी कार्य योजनाओं के तहत काम करने की तैयारी है. लोगों का ओपिनियन लिया जाएगा. एक्सपर्ट से बात करने के बाद पूरी तैयारी की जाएगी यह जानकारी इस कमेटी का हिस्सा बनी संस्था डब्ल्यूआरआई कि लुबैना ने दी.


यह भी पढ़ें.


तमिलनाडु विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित, स्टालिन बोले- किसानों पर दर्ज मामले वापस होंगे


Chennai: भारतीय तटरक्षक बल के समारोह में पहुंचे राजनाथ सिंह, निगरानी पोत ‘विग्रह’ को सेवा में करेंगे शामिल