Phone Tapping Case: मुंबई की एक अदालत ने महाराष्ट्र की पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित फोन टैपिंग के एक मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल रिपोर्ट को अनुमति देना जरूरी है क्योंकि कथित अपराध सही है, लेकिन दोषियों का पता नहीं चल पाया है. 


अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड अदालत) एसपी शिंदे ने 22 अगस्त को सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली थी. जिसका विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. ये मामला मार्च 2021 में महाराष्ट्र के वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से उपजा था. जब वह विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. 


देवेंद्र फडणवीस ने दिया था पत्र का हवाला


प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस विभाग में तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की ओर से महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को कथित तौर पर लिखे गए एक पत्र का हवाला दिया था. पुलिस ने मामले में देवेंद्र फडणवीस का बयान मार्च 2022 में दर्ज किया था जब बीजेपी नेता विपक्ष में थे.


पत्र में इंटरसेप्ट किए गए फोन कॉल का विवरण भी था, जिससे तत्कालीन शिवसेना के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं में हंगामा मच गया. जिन्होंने आरोप लगाया कि उनके फोन अवैध रूप से टैप किए गए थे. 


जांच एजेंसी ने क्या कहा?


जांच एजेंसी ने कहा कि वह यह स्थापित नहीं कर सकी कि दस्तावेज कहां से, किसने और कब देवेंद्र फडणवीस को सौंपे थे, जैसा कि अदालत के आदेश में जिक्र किया गया है. मुंबई पुलिस ने तब राजनीतिक नेताओं और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के कथित फोन टैपिंग और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. 


सीबीआई को सौंपी गई थी जांच


हालांकि, जून 2022 में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार और फडणवीस के डिप्टी सीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मामले की जांच मुंबई पुलिस से सीबीआई को सौंप दी गई थी. बाद में, केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की और मामले में शिकायतकर्ता एसआईडी ने जांच बंद करने के लिए अपनी अनापत्ति दे दी. 


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