Temporary Bail: मौत के दो दिन बाद मिली कोर्ट से जमानत, आरोपी ने लगाई थी 'मानवीय आधार' पर बेल देने की याचिका
Mumbai Court: मुंबई में कोर्ट ने एक शख्स को उसकी मौत के दो दिन बाद अस्थायी जमानत देने का फैसला किया. आरोपी शख्स धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद था और स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत मांग रहा था.
Bail After Death: महाराष्ट्र के मुंबई में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां 62 साल के एक शख्स को उसकी मौत के दो दिन बाद मानवीय और स्वास्थ्य कारणों के आधार पर कोर्ट ने जमानत दी. सुरेश पवार नाम का ये शख्स धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और जेल में बंद था.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते महीने 9 मई को कोर्ट में जमानत पर हुई सुनवाई के कुछ घंटों पहले ही सुरेश पवार की मौत हो चुकी थी. सुरेश पवार रियल स्टेट एजेंट थे और एक प्रॉपर्टी को नकली दस्तावेजों पर बेचने के आरोपों के चलते गिरफ्तार किए गए थे.
कोर्ट से की थी 6 महीने के लिए बेल देने की गुजारिश
रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी सुरेश 31 दिसंबर 2021 से जेल में बंद था. कोर्ट से आरोपी ने स्वास्थ्य कारणों के मद्देनजर 6 महीने की जमानत देने की गुजारिश की थी. आरोपी ने अपनी याचिका में कहा था कि वो मधुमेह बीमारी का गंभीर मरीज है और उसे बढ़ती उम्र से जुड़ी कई बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
याचिका में कहा गया था कि पवार को फरवरी में पैर के अंगूठे में एक चोट लग गई थी. जिसके बाद उसे जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से डिस्चार्ज किए जाने के बाद उसके अंगूठे में गैंगरीन हो गया था, जिसे काटना पड़ा था. याचिका के अनुसार, मुंबई हाईकोर्ट ने मार्च में जेल प्रशासन को उसका उपचार कराने के निर्देश दिए थे.
सही इलाज नहीं मिलने पर काटना पड़ा था पैर
याचिका के मुताबिक, आरोपी ने 19 अप्रैल को हाईकोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी. उसी दिन पवार को तबीयत बिगड़ने के चलते फिर से जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां सही इलाज न मिलने की वजह से आरोपी के घाव में संक्रमण फैल गया और घुटने के नीचे से उसका पैर काटना पड़ा.
आरोपी को इस दौरान फेफड़ों में संक्रमण भी हो गया था. इसी के बाद उसने कोर्ट में सही इलाज कराने के लिए 6 महीने की अस्थायी जमानत देने की याचिका लगाई थी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पवार की उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए उन्हें मानवीय आधार पर अस्थायी जमानत दी जा सकती है.
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