मुंबईः पुलिस ने बीते कुछ महीने में कई ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया है जो लोग नकली दस्तावेज का सहारा लेकर भारत के फर्जी दस्तावेज बनवाते थे. हाल ही में मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 11 ने ऐसी ही एक गैंग का पर्दाफाश किया है जो लोग फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर नेपाल से भारत आए नेपाली नागरिकों को आधार कार्ड दिलवाने में मदद करते थे. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नगारिकों में से 10 नेपाली हैं जिन्होंने अपना आधार कार्ड फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर बनवाए थे.


क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि 2 आरोपी भारतीय नागरिक हैं. यह लोग फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनवाते थे. क्राइम ब्रांच की यूनिट 11 को एक जानकारी मिली थी कि बोरीवली इलाके में स्थित केनरा बैंक में फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं. जानकारी के बाद क्राइम ब्रांच की एक टीम ने बैंक में छापा मारा और आधार कार्ड के काउंटर पर बैठे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान दोनों ही आरोपियों ने अपने गैंग के काले कारनामे का खुलासा कर दिया.


10 नेपाली नागरिकों का बना चुके थे आधार


गिरफ्तार आरोपियों के नाम विनोद चौहान और उमेश अरविंद चौधरी बताया जा रहा है, पठान ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अब तक 10 ऐसे नेपाली नागरिकों को आधार कार्ड बना कर दिया है जिनके पास एक भी ऐसे दस्तावेज नहीं थे जिनका इस्तेमाल आधार कार्ड बनवाने के लिए आवश्यक है.


इसके बाद यह आरोपी पहले फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, मार्कशीट और फिर एक आधार कार्ड बनवाने के लिए जिन जिन डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है वह सब बनवाते थे. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह बात भी कबूली कि वह एक फर्जी आधार कार्ड बनवाने के पीछे एक नेपाली नागरिक से 3500 से लेकर 4000 रुपये लेते थे.


क्राइम ब्रांच के मुताबिक विनोद चौहान जिसे आधारकार्ड बनाने के लिए रिक्रूट किया था उसका रिक्रूटमेंट फिया टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के जरिए हुआ था, पुलिस अब कैनरा बैंक के कर्मचारियों, UIDAI और फिया टेक्नोलॉजी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से इस मामले में पूछताछ कर रही है.


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