Mumbai Crime News: मुंबई पुलिस ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है जिसके दिमाग की दाद देनी होगी. उसने बड़े ही शातिराना अंदाज में ड्रग्स का काला धंधा फैला रखा था और करोड़ों की कमाई की थी.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अपराधी केमिस्ट्री से पोस्ट ग्रेजुएट है और उसने तीन साल से भी कम समय में 7000 करोड़ से ज़्यादा का ड्रग्स बना डाला और करोड़ों रुपये की कमाई भी की. उसकी लंबी प्लानिंग थी लेकिन वह अपने मक़सद जब तक कामयाब होता तब तक पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया.
मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल के डीसीपी दत्ता नालावाड़े ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इसी साल मार्च के महीने में ड्रग्स के मामले में एक छापेमारी की थी, जिसकी जांच में करोड़ों के ड्रग्स मिले थे. जांच के दौरान 54 साल के प्रेम प्रकाश सिंह नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया गया, जो कि इस पूरे कारोबार का मास्टर माइंड था और उसने अबतक 7000 करोड़ रुपये का ड्रग्स बना डाला था.
आर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट बना शातिर अपराधी
पुलिस ने बताया कि प्रेम प्रकाश सिंह (Prem Prakash Singh) ने उत्तरांचल यूनिवर्सिटी (Uttaranchal University) से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री (Organic Chemistry) में पोस्ट ग्रेजुएशन (Post Graduation) किया है. वह पहले केमिकल कंपनी के लिए कंसल्टेंट के तौर पर काम करता था और कंपनी में सारा काम समझने के बाद उसने श्रेया केमिकल्स (Shreya Chemicals) नाम की खुद की एक कंपनी शुरू की. शुरुआत में उसने इस कंपनी की वेबसाइट पर तक़रीबन 110 केमिकल्स की जानकारी डाली कि हमारी कंपनी इन केमिकल्स से संबंधित काम करती है.
इसके बाद उसे एक अज्ञात शख़्स का कॉल आया और उसने कहा कि उसे प्रोपियोनिक एसिड (Propionic Acid) नाम का केमिकल चाहिए जिसके लिए वो उसे अच्छे पैसे भी देगा. इस प्रपोज़ल के मिलने बाद सिंह ने ख़ुद उस केमिकल का इस्तेमाल कर एमडी ड्रग्स बनाया और फिर उसे बेचकर उससे अच्छा मुनाफ़ा कमाया. इसके बाद उसने इस ड्रग्स को अपनी कंपनी श्रेया केमिकल में बनाना शुरू कर दिया.
नालावाड़े ने बताया कि जब उसकी कंपनी के कर्मचारियों ने शिकायत करना शुरू किया कि इस केमिकल से बदबू आती है तब उसने डर कर उस जगह ड्रग्स बनाना बंद कर दिया. चूंकि वो केमिकल कंपनी में कंसल्टेंट के रूप में काम कर चुका था और इसी वजह से वो कई लोगों को जानता था. उसने अपने कॉन्टेक्ट का इस्तेमाल कर ड्रग्स बनाने का काम गुजरात के जीआईडीसी स्थित इंफ़िनिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट नाम की कंपनी में शुरू कर दिया.
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि कंपनी में ड्रग्स बनाकर वो उसे मुंबई के पास नालासोपारा इलाक़े में स्थित एक गोदाम में रखता था जहां से वो इसे बल्क (Bulk) में बेचता था. बेचने के लिए वह पहले व्हाट्सएप (Whatsapp) के माध्यम से कस्टमर से बातचीत करता था. फिर बाद में उसने बातचीत करने के लिए टेलीग्राम (Telegram) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. उसने कस्टमर के लिए एक नियम बनाया था कि ड्रग्स चाहिए तो एक दो किलो नहीं, बल्कि एक साथ 25 किलो या उससे ज़्यादा लेना होगा.
ड्रग्स की क्वालिटी उसकी प्राथमिकता थी
नालावाड़े ने बताया कि ड्रग्स का कारोबार करने वाला प्रेम प्रकाश सिंह अपने बनाये ड्रग्स को लेकर बहुत ही ज़्यादा सावधान रहता था. उसका मनाना था कि मार्केट में बहुत से लोग ड्रग्स बेचते हैं ऐसे में उसका ड्रग्स कोई क्यों ख़रीदेगा. इसी वजह से उसका फ़ोकस हमेशा से क्वालिटी पर होता था.
वह ख़ुद हर फ़ैक्ट्री में जाकर क्वालिटी की जांच करता था और उसका ड्रग्स का रंग अगर साफ़ सफ़ेद नहीं दिखाई दिया तो वो मज़दूरों की क्लास भी लेता था. इसी वजह से जैसे ही सिंह का ड्रग्स मार्केट में आता था वैसे ही हर कोई पलक झपकाते ही उसे ख़रीद लेता था.
ग्राहकों को लुभाने के लिए उसने ड्रग्स बहुत ही सस्ते दाम में बेचे थे. एक किलो एमडी ड्रग्स बनाने के लिए क़रीबन 30-40 हज़ार रुपये लगते हैं, उसने ये ड्रग्स 70-75 हज़ार रुपये में बेचे जब कि एक किलो एमडी ड्रग्स की क़ीमत क़रीबन 25-30 लाख रुपये है.
हज़ारो करोड़ के ड्रग्स बेच चुका था
नालावाड़े ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी ने डेढ़ टन से ज़्यादा का ड्रग्स मार्केट में बेच दिया था और अगर देखा जाये तो इतने ड्रग्स की क़ीमत क़रीबन 3000 करोड़ के आसपास है. अब तक क्राइम ब्रांच ने 4856 करोड़ रुपये से ज़्यादा का ड्रग्स बरामद किया है.
ANC ने उसके एक अकाउंट को फ्रिज किया है जिसमें क़रीबन दो करोड़ रुपये मिले हैं. इसके अलावा जब उसके अकाउंट की जांच की गई तो 100 करोड़ से ज़्यादा रक़म की एंट्री मिली है. जांच में आगे यह भी पता चला कि करोड़ों के ड्रग्स बेचने के बाद सिंह ने करोड़ों की संपत्ति ख़रीदी है, जिसमें से एक संपत्ति इसने गुजरात के भरूच में ख़रीदी है. उसने 7000 स्क्वायर मीटर का प्लॉट लिया है जहां वो अपनी ख़ुद की केमिकल कंपनी खड़ा करना चाहता था.
पूछताछ में उसने बताया कि उसने लंबी प्लानिंग भी की थी कि वो ड्रग्स का व्यापार सिर्फ़ 7-8 साल करेगा और उससे कमाए पैसों से वो ख़ुद को कंपनी शुरू कर उससे व्हाइट मनी कमाएगा ताकि पुलिस के चंगुल में ना फंसे.
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