मुंबई: लॉकडाउन की वजह से मुंबई का क्राइम रेट 65  प्रतिशत से कम हुआ है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में मार्च के महीने में कुल 1100 एफआईआर दर्ज की गई. वहीं पिछले साल इसी मार्च के महीने में 3368 एफआईआर दर्ज की गईं थी. इन 1100 मामले में ज्यादातर मामले धारा 188 यानि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के हैं.


साल 2019 में कुल 41,932 मामले दर्ज हुए थे.जिनमें ज्यादातर मामले चोरी के थे. पिछले साल मार्च के महीने में कुल 484 चोरी के मामले दर्ज हुए थे लेकिन इस साल मार्च के महीने में ये मामले लगभग ना के बराबर हैं. जानकारों के मुताबिक इसकी दो वजह है. पहला कि चोरी करने के लिए भीड़भाड़ वाली जगह चाहिए होती है जहां चैन स्नैचिंग, मोबाइल, पर्स, बैग जैसी चोरी करना आसान होता है लेकिन भीड़ नही्t होने पर चोरी नहीं हो सकती.


वहीं घर के अंदर घुस कर चोरी करने के मामले भी ज्यादा होते हैं लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में हैं और ऐसे में चोरों के लिए चोरी करना संभव नहीं हो पा रहा है. दर्ज किए गए ज्यादातर मामले स्ट्रीट क्राइम होते हैं जैसे सड़क पर झगड़ा, हत्या, चोरी, एक्सीडेंट इत्यादि लेकिन लोग ही सड़क पर नहीं होने के कारण स्ट्रीट क्राइम में बड़ी गिरावट आई है.


पुलिस फिलहाल लॉकडाउन का पालन करने पर सख्ती दिखा रही है. वहीं पुलिस भी छोटे मामले दर्ज कर गिरफ्तारी करना फिलहाल के लिए टाल रही है और गंभीर मामलों के अलावा लोगों की जमानत का भी विरोध नहीं कर रही.


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