Mumbai Cruise Drugs Case Update: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के मामले (Cruise Drugs Case) में शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी. इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि एसआईटी (विशेष जांच दल) ने इस मामले की जांच में "गंभीर अनियमितताओं" का पता लगाया है. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि आर्यन को गिरफ्तार करने वाली उसकी पहली टीम ने आरोपी की अनिवार्य मेडिकल जांच, छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैट के लिए सबूतों की पुष्टि जैसे नियमों का पालन नहीं किया.  


एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) एस. एन. प्रधान ने संवाददाताओं से कहा कि जांच में कमियां थीं और अदालत में आरोपों को साबित करने के लिए आरोपियों के व्हाट्सएप चैट को लेकर पुष्टि करने वाला सबूत नहीं था. एनसीबी ने 2021 के इस मामले में शुक्रवार को 14 आरोपियों के खिलाफ मुंबई की एक अदालत में करीब 6,000 पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया. वहीं पर्याप्त सबूतों के अभाव में आर्यन सहित छह के खिलाफ आरोप नहीं लगाया गया. 


आर्यन खान की भूमिका पर क्या बोले अधिकारी?


प्रधान ने कहा कि आरोप पत्र दायर करने की आखिरी तारीख तक हमारी विशेष जांच टीम को जो कुछ भी मिला, उसके आधार पर हमने आरोप पत्र दायर किया है. मामले में आर्यन खान की भूमिका की चर्चा करते हुए एनसीबी के उप महानिदेशक (संचालन) और एसआईटी प्रमुख संजय कुमार सिंह ने कहा कि मूल आधार ये है कि उनका मित्र (अरबाज खान) उनके लिए मादक पदार्थ ले जा रहा था और इसे साबित नहीं किया गया और उसे भ्रामक पाया गया. 


आर्यन खान के खिलाफ नहीं मिला कोई सबूत


सिंह ने कहा कि उनके मित्र (अरबाज खान) ने इनकार किया कि वह आर्यन खान के लिए मादक पदार्थ ले गया था. वास्तव में, उन्होंने एसआईटी को बताया कि आर्यन खान ने कहा था कि क्रूज पर कोई मादक पदार्थ नहीं लाया जाना चाहिए क्योंकि एनसीबी काफी सक्रिय है. सिंह ने कहा कि इस बात की पुष्टि के लिए आर्यन खान के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला कि उन्होंने या तो मादक पदार्थ का सेवन किया, उसे खरीदा या वह किसी षडयंत्र में शामिल थे. इसलिए उनके खिलाफ आरोप कानूनी तौर पर नहीं टिक पाएंगे.  


समीर वानखेड़े के नेतृत्व में की गई थी कार्रवाई


उन्होंने कहा कि आर्यन खान (Aryan Khan) ने मादक पदार्थ (Drugs) का सेवन किया था या नहीं, यह साबित करने के लिए एनसीबी (NCB) टीम ने कोई मेडिकल जांच नहीं कराई. उन्होंने कहा कि एनसीबी की टीम ने पिछले साल दो-तीन अक्टूबर की रात क्रूज पर मारे गए छापे की कोई वीडियोग्राफी नहीं की. क्रूज पर तत्कालीन जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के नेतृत्व में कार्रवाई की गई थी. 


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