Mumbai Cyber Crime News: आज कल के समय में ज़्यादातर लोग ऑनलाइन माध्यम से शॉपिंग करते हैं और इसके लिए गूगल पे, फ़ोन पे और पेटीएम जैसे डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में कुछ ठगों ने इनके जैसे दिखने वाले फ़र्ज़ी एप्लीकेशन बनाया है, जिसका इस्तेमाल कर ये लोग छोटी मोटी ठगी कर रहे हैं. इसी सब से आम लोगों को ख़ासकर छोटे दुकानदारों को बचाने के लिए मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक एडवाइज़री जारी की है.


मुंबई साइबर सेल के पुलिस अधिकारी मंगेश मजगर ने बताया की ठगों ने ठगी के किए इन UPI एप्लीकेशन के जैसे डुप्लीकेट एप्लीकेशन बनाए हैं, जो की एप स्टोर पर बड़ी आसानी से मिल जाते हैं. इन एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर ये ठग आपको पैसे गए हैं, ऐसा बताते हैं. पर जब आप अपना बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करते हैं तो आपको उसमें पैसे नहीं मिलते.


मजगर ने बताया की ये एप्लीकेशन प्रैंक पेमेंट एप, मनी प्रैंक प्रो, पेटीएम स्पूफ, और स्क्रीन शॉट जेनरेटर के नाम से काफ़ी प्रचलित हैं. ऐसे में ये लोग आपको पेमेंट करने के लिए आपका QR कोड अपने इन प्रैंक एप्लीकेशनसे स्कैन करते हैं और आपने जितना पैसा कहा, उतना एंटर करते हैं और फिर उसे भेजने का दिखावा करते हैं.


कुछ सेकंड में उनके प्रैंक एप्लीकेशन पर आपके बैंक अकाउंट में पैसे चले गए ऐसा दिखाई देने लगता है. ठग फिर आपको वो एप्लीकेशन पर आपको पैसे भेज दिया ऐसा स्क्रीनशॉट दिखाएंगे और कहेंगे कि आपका नेटवर्क का प्रॉब्लम हो सकता है आपको पैसे आ जाएंगे क्योंकि पैसे उनके यहां से चले गए हैं.


कई बार दुकानदार उनके स्क्रीनशॉट पर विश्वास कर लेते हैं और फिर आपको जाने बोल देते हैं, पर वहीं जब लम्बे समय तक उनके अकाउंट में पैसे आए हैं, इसका मैसेज या एप्लीकेशन का अलर्ट नहीं आता तो वो अकाउंट बैलेंस की जाँच करते हैं, तब उन्हें समझ आता है कि उन्हें पैसे ही नहीं भेजे गए थे. मजगर ने बताया कि जबतक दुकानदार को यह पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है और आरोपी (ठग) वहां से कहीं दूर चला जाता है.


मजगर ने दुकानदारों को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें कोई इस तरह से पैसे भेजता है और उन्हें मैसेज नहीं आता तो उन्हें तुरंत अपना अकाउंट का बैलेंस देखना चाहिए नहीं तो इस तरह ठगों का शिकार हो सकते हैं.