नई दिल्ली: मुंबई का डॉन करीम लाला ही वह शख्स है जिसके नाम से अंडरवर्ल्ड का सबसे बड़ा डॉन दाऊद इब्राहिम भी खौफ खाता था. करीम लाला की दहशत का आलम ये था कि दाऊद और उसके गुर्गे उस रास्ते से भी नहीं गुजरते थे जिस रास्ते से करीम लाला गुजर जाया करता था. करीम लाला का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है.
दरअसल कल ही शिवसेना नेता संजय राउत ने मुंबई में दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलने जाया करती थीं. इसके बाद से ही इस मामले को लेकर हंगामा बरपा हुआ है.
60 और 70 का दशक था. ये वो समय था जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड की जड़ें फैलने लगी थीं. ये वो दशक था जब मुंबई में एक नहीं तीन डॉन की हुकूमत चला करती थी. ये डॉन थे हाजी मस्तान, वरदराजन मुदलियार और करीम लाला. आपस में कोई टकराव न रहे इसके लिए इन तीनों ने अपना अपना क्षेत्र बांट रखा था. उस समय के सभी डॉन करीम लाला को बहुत मानते थे. उसका सम्मान किया करते थे. करीम लाला पठान था. उसकी छवि किसी रॉबिनहुड की तरह ही थी. कहते हैं कि करीम लाला जबान का बहुत पक्का था. जो वो कह देता था उसे वह पूरा किया करता था. संजय लीला भंसाली की आने वाली फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को लेकर भी करीम लाला का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. सत्ता के गलियारों में भी उसके नाम की चर्चा हो रही है. नेताओं से उसके रिश्तों को लेकर बहस शुरू हो चुकी है.
करीम लाला ही वह शख्स है जिसने गंगूबाई काठियावाड़ी को अपना बहन बना लिया था क्योंकि उसने करीम लाला के हाथ में राखी बांधी थी. ये किस्सा भी बड़ा रोचक है. गंगूबाई को प्यार में धोखा मिला था और से धोखा किसी और ने नहीं बल्कि उसके पति ने ही उसे दिया था. पति ने उसे गुजरात से लाकर मुंबई के कमीठापुरा इलाके में एक कोठे पर महज 500 रूपये में बेच दिया था. यहीं पर गंगूबाई के साथ एक शख्स ने रेप किया. ये शख्स करीम लाला के गैंग का सदस्य था.
डॉन गंगूबाई काठियावाड़ी को बना लिया था बहन
गंगूबाई ने करीम लाला के दरबार में इंसाफ की गुहार लगाई. करीम लाला के इंसाफ से प्रभावित होकर गंगूबाई ने करीम लाला के हाथ में राखी बांध दी. करीम लाला ने भी गंगूबाई को अपना बहन मान लिया और कमीठापुरा इलाके के सभी कोठे और वहां होने वाले सभी गैरकानूनी धंधों की कमान गंगूबाई को सौंप दी.
हाजी मस्ताना करीम लाल को कहता था असली डॉन
एक बार करीम लाला को खबर मिली की उनके इलाके में दाऊद इब्राहिम अपने गुर्गों को लेकर एक क्लब में हंगामा कर रहा है, तो करीम लाला ने मौके पर पहुंच कर दाऊद की जमकर पिटाई की. बताते हैं कि करीम लाला ने दाऊद को तबतक मारा जबतक वह अधमरा नहीं हो गया. इस पिटाई से दाऊद को गंभीर चोटें आईं. पिटाई के बाद से दाऊद करीम लाला को अपना दुश्मन मानता था. दाऊद और करीम लाला के बीच कई बार खूनी गैंगवार हुई. इसके बाद से ही मुंबई में गैंगवार का सिलसिला चल पड़ा. करीम लाला को किंग के नाम से भी जाना जाता था. डॉन हाजी मस्तान करीम लाला को असली डॉन कहता था.
दाऊद मानता था करीम लाला को अपना दुश्मन
करीम लाला ने 21 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में कदम रखा था. करीम लाला का जन्म 1911 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में हुआ था. करीम लाल 21 साल की उम्र में पाकिस्तान से मुंबई आया और उसने गैरकानूनी धंधे शुरू कर दिए. जिनमें शराब की तस्करी और जुए के अड्डे शामिल थे. 1940 में वह तस्करी के धंधे में भी घुस गया. करीम लाला से हाजी मस्तान की मुलाकात वरदराजन ने कराई थी. करीम लाला दक्षिण और मध्य मुंबई पर राज किया करता था. उसके इलाके में घुसने की किसी की हिम्मत नहीं होती थी.