मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल में लगी आग की वजह महज एक डिफेक्टिव इलेक्ट्रिक सर्किट था जिससे करोड़ों की संपत्ति जलकर राख हुई और 11 कोरोना मरीजों की मौत हो गई. एक छोटी सी लापरवाही इतनी जानलेवा साबित हुई कि न जाने कितनों का रोजगार और व्यापार चला गया. यह खुलासा ड्रीम्स मॉल की फायर जांच रिपोर्ट में सामने आई है जो पूरे राज्य और देश के अस्पतालों और बड़ी इमारतों के लिए एक बड़ी सबक है. ये घटना 25-26 मार्च के रात की है.


भांडुप के ड्रीम्स मॉल की फायर इंस्टिगेशन रिपोर्ट में बताया गया है कि डिफेक्टिव इलेक्ट्रिक सर्किट की वजह से आग की शुरुआत हुई . इस लापरवाही के लिए मॉल के एडमिनिस्ट्रेटर राहुल सहस्त्रबुद्धे सवालों के घेरे में हैं, जिन्हें बतौर एडमिनिस्ट्रेटर एनसीएलटी ने नियुक्त किया था.


आग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आग की शुरुआत मॉल के ऊपरी ग्राउंड फ्लोर पर शॉप नंबर 140 से शुरुआत हुई और वहां से आग फैलती हुई पूरे फ्लोर को अपने चपेट में ले लिया. मॉल में आग तेजी से फैलने के पीछे मॉल के बंद पड़े फायर फाइटिंग सिस्टम को भी जिम्मेदार बताया गया है. आग लगने के बाद ना अलार्म काम कर रहे थे और ना ही पानी पाइप से जुड़े स्प्रिंकल ने काम करना शुरू किया .


मॉल के प्रबंधन द्वारा एक और बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. मॉल में आग लगने के काफी देर बाद फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी गई. सीसीटीवी तस्वीरों से यह पता चल रहा है कि आग रात के 11:15 पर लगी जबकि फायर कंट्रोल रूम को फोन रात के 11:57 पर किया गया. मॉल में हवा की निकासी की व्यवस्था नहीं थी जिस पर प्रबंधन ने कभी ध्यान नहीं दिया. मॉल के अंदर हजारों की संख्या में दुकानें हैं. कई दुकान मालिकों ने अपने मुताबिक अवैध निर्माण किया था और निकासी के रास्ते और वेंटीलेशन प्रभावित किए थे.


आग की जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद मॉल के एडमिनिस्ट्रेटर राहुल सहस्त्रबुद्धे पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या मॉल को, कोविड हॉस्पिटल से अलग रखकर चलाने पर रोक नहीं लगाया जा सकता था, जहां पर अवैध निर्माण, अवैध तरीके से एसी यूनिट फिटिंग और निकासी के निकासी के रास्ते पर कूड़े का ढेर जमा था? ड्रीम्स मॉल आग की रिपोर्ट सीधे-सीधे दुकान के कुछ मालिकों और मॉल के एडमिनिस्ट्रेटर राहुल सहस्त्रबुद्धे की लापरवाही की ओर इशारा कर रही हैं.


ड्रीम्स मॉल में लगी आग के मामले में भांडुप पुलिस ने पहले ही एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारियां की थीं. फायर इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट सामने आने के बाद अब कुछ दुकान मालिक और मॉल के एडमिनिस्ट्रेटर से भी भांडुप पुलिस पूछताछ कर सकती है.


दिल्ली में गिर रहा है कोरोना संक्रमण का ग्राफ, पिछले 24 घंटों में 17,364 मामले, 332 की गई जान