मुंबई: बीती रात मुंबई के मरीन लाइंस के एक होटल में आग लग गई. इस आग में करीब 30 डॉक्टर बाल-बाल बच गए. ये सभी डॉक्टर जेजे अस्पताल में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे. इन डॉक्टरों को मरीन लाइंस के धोबी तलाव इलाके के फार्च्यून होटल में ठहराया गया था. हादसे में सभी डॉक्टरों को बचा लिया गया और इन्हें तत्काल ट्राइडेंट होटल ले जाया गया.


घटना की जानकारी मिलते ही मुंबई फायर ब्रिगेड की 10 से 12 गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया. इस होटल में जे जे हॉस्पिटल के 28 से 30 डॉक्टर रहते हैं. सभी डॉक्टरों को रेस्क्यू कर लिया गया है. फायर ब्रिगेड की तरफ़ से फायर कूलिंग का काम चल रहा है.


बता दें कि आग देर रात फार्च्यून होटल की दूसरी मंजिल से लगी और चौथी मंजिल तक फैल गई. आग लगने के बाद होटल में अफरा-तफरी मच गई थी. लोगों को धुंए की वजह से कुछ दिख नहीं रहा था. होटल में डॉक्टर्स के अलावा कुछ क्वॉरंटीन किए गए लोग भी थे. आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है.


होटल में फायर फाइटिंग का कोई सिस्टम नहीं था. ऐसे में होटल की तो गलती है ही, लेकिन महाराष्ट्र सरकार को ये भी सोचना चाहिए कि कोरोना वारियर्स को ऐसे होटल में क्यों ठहराया गया है. अगर दुर्घटना बड़ी होती तो दोषी कौन होता?


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