Mumbai News: मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने एक 28 साल के इंजीनियर को महिला से कथित रूप से 14.36 लाख रुपए की उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपी ने उगाही करने के लिए खुद को एक लॉजिस्टिक फर्म और एक पुलिस अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया था.
साइबर पुलिस के मुताबिक गिरफ़्तार आरोपी का नाम खुशाल माली (Kushal Maali) है जो कि नासिक के सतपुर का रहने वाला है. साइबर सेल के डीसीपी बालसिंह राजपूत ने बताया कि माली ने 9 जनवरी को फेडएक्स से जुड़े होने का नाटक करते हुए 40 साल की महिला को फोन किया. माली ने पीड़िता को बताया कि उसने जो पार्सल विदेश भेजा था उसमें नशीला पदार्थ पाया गया था. आपको बता दें कि महिला ने कोई पार्सल नहीं भेजा था लेकिन उसे यकीन दिलाया गया कि उसकी पहचान और बैंक खाते का इस्तेमाल ड्रग्स की तस्करी के लिए किया गया था.
आरोपी खुशाल ने महिला को फर्जी पुलिस कार्ड भेजा
इस कॉल के बाद माली ने दोबारा से महिला को किसी और नंबर से कॉल किया इस बार उसने अपने आपको पुलिस अधिकारी बताया "उसने इस कॉल के दौरान महिला को कहा कि 'ड्रग्स मामले' की जांच के दौरान उसने उसके बैंक खातों की जांच की और इस जांच के दौरान उसे मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. इसलिए, उसके खिलाफ एक गंभीर जांच शुरू की गई थी. अपने इस झूठ को साबित करने के लिए माली ने उस महिला के व्हाट्सएप पर एक जाली पुलिस आईडी कार्ड की तस्वीर भी भेजी ताकि महिला को यक़ीन दिलाया जा सके कि वो पुलिस वाला है.
महिला से की 14.36 लाख की उगाही
माली ने कॉल के दौरान यह भी दावा किया कि अगले एक घंटे में वो इस जांच को बंद कर देगा और अलग-अलग बहाने बनाकर उसने पीड़ित महिला से कुल 14.36 लाख की उगाही की. बातचीत के दौरान माली उसे जेल भेजे जाने की धमकी भी देता रहा. राजपूत ने आगे बताया की फोन काटने के बाद ही उसे शक हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है जिसके बाद वो पुलिस स्टेशन गई. इस जानकारी के बाद हमने तुरंत महिला के बैंक के ट्रांज़ेक्शन से संबंधित बैंकों के साथ बातचीत की और 13.98 लाख को फ्रीज करवा दिया.
इसके बाद, पुलिस ने माली द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की तकनीकी जांच की और तकनीकी मदद से आरोपी की लोकेशन का पता लगाया गया. इस जानकारी के मिलने के बाद ही साइबर सेल की एक टीम नासिक भेजी गई जहां पुलिस ने उसे उसके घर से गिरफ़्तार कर लिया.
आरोपी के घर से 43 सिम कार्ड मिले
राजपूत ने आगे बताया कि हमने आरोपी के घर को सर्च किया और हमें वहां से 43 सिम कार्ड मिले है. जिसका इस्तेमाल वो लोगों को ठगने के लिए करता था. पूछताछ में यह भी पता चला की वह एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और फ़िलहाल वो बेरोजगार है जिसकी वजह से वो इस तरह लोगों को ठगने का काम कर रहा था. आरोपी इस तरह से लोगों को फ़साने का काम पिछले छह महीने से कर रहा था.
यह भी पढ़ें.