मुंबई: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुंबई में एक और चुनौती बढ़ी है और वो फर्जीवाड़े की चुनौती है. मुंबई में कोरोना बीमारी से फायदा उठाने वाले लोगों की धरपकड़ पुलिस कर रही है, जो फर्जीवाड़ा करके गलत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. वहीं ऐसे भी लोग पकड़ में आ रहे हैं जो पॉजिटिव हैं लेकिन कागज से छेड़छाड़ करने के बाद यात्रा कर रहे हैं.


फर्जीवाड़ा करने के आरोप में शिवाजी नगर इलाके से अब्दुल सादिक खान नाम के एक आदमी को गिरफ्तार किया है. सादिक का काम प्राइवेट लैब से सैंपल इकट्ठा कर लेबोरेटरी भेजना था. लेकिन उसने कुछ रुपये लेकर अपने हाथों से कोरोना वायरस की फर्जी रिपोर्ट बनाकर लोगों को देना लगा. पुलिस ने सादिक के खिलाफ शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में मामला दायर किया है जिसमें धारा 420,418, 465, 468 471,500 और 188 की धारा लगाई गई है.


पुलिस को प्राथमिक तौर पर गड़बड़ी वाली कुल छह रिपोर्ट मिली हैं. पुलिस इन गड़बड़ी की रिपोर्टों से जुड़े लोगों को भी खोज रही है. सादिक के कंप्यूटर की लैब में जांच की जा रही है और उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी.


मामला केवल सादिक की गड़बड़ी का नहीं है. मुंबई के खार इलाके में रहने वाले एक परिवार के 3 लोग जो कोविड पॉजिटिव थे, उन्होंने भी अपने कागजों के साथ छेड़खानी की और हवाई यात्रा करके मुंबई से जयपुर जाने की फिराक में थे. यात्रा से कुछ देर पहले ही एयरपोर्ट पर उन्हें रोका गया. बीएमसी ने उनके खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई है. रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद फैमिली ने फर्जी तरीके से रिपोर्ट नेगेटिव कराई थी.


लोगों की तरफ से किया जा रहा ये फर्जीवाड़ा आगे बड़ी चुनौती बन सकता है. इस मामले में एबीपी न्यूज़ ने मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर से बात की. उन्होंने बीएमसी के अधिकारियों को कहा है कि कड़ी कार्रवाई होनी. न सिर्फ गलत रिपोर्ट बनाने वाले बल्कि गलत रिपोर्ट लेने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.


इस मामले में बीएमसी अब एक टीम बनाने जा रही है जो कोरोना टेस्ट करने वाली जगह पर जाकर बार-बार जांच पड़ताल करती रहेगी. मेयर का कहना है कि 100 में से 95 लोग सही हैं लेकिन पांच लोग गड़बड़ी करते हैं और इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


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