मुंबई में सरकार ने ऑटो और टैक्सी के किराए में वृद्धि कर दी है. राज्य सरकार ने रिक्शा और टैक्सी के लिए क्रमशः ₹2.01 और ₹2.09 की बढ़ोतरी का सुझाव दिया है. यह फैसला 1 मार्च से लागू होना है पर मुंबई ग्राहक महापंचायत ने सरकार के फैसले का विरोध किया है.


मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले को अगले 6 महीने तक टालने की मांग की है. मुंबई में कोरोना के चलते ऑटो में बैठने वालों की कमी है ऐसे में मुंबई में सरकार ने ऑटो टैक्सी के किराए को बढ़ा दिया है. टैक्सी चालकों के लिए भले ही राहत की बात हो लेकिन आम जनता के लिए परेशानी वाली बात है. वहीं मुंबई ग्राहक महापंचायत ने सरकार से मांग की है कि वो इस फैसले को वापस ले या इस मूल्य वृद्धि को 6 महीने से 1 वर्ष के लिए रोकने की मांग की है. पंचायत के पदाधिकारियों का कहना है कि बढ़ा हुआ किराया इससे ना केवल उपभोक्ता का घाटा है बल्कि टैक्सी चालकों को भी घाटा होगा क्योंकि ग्राहक भी नहीं है अब आगे और भी नहीं मिलेंगे.


दामों में बढ़ोतरी 1 मार्च से प्रभावी होगी


गौरतलब है की महाराष्ट्र सरकार ने रिक्शा और टैक्सियों के लिए क्रमशः 2.01 पैसे और 2.09 पैसे की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. बढ़ोतरी 1 मार्च से प्रभावी होगी लेकिन यह केवल रिक्शा और टैक्सी चालकों की समस्याओं को और बढ़ा देगा. ग्राहक पंचायत का कहना है कि यह एक निर्णय है जो उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ाता है. यही वजह है कि मुंबई उपभोक्ता पंचायत ने टैरिफ बढ़ाने के तीन विकल्प सुझाए हैं.


इस संबंध में संगठन के प्रमुख शिरीष देशपांडे का कहना है कि रिक्शा और टैक्सी का किराया पांच वर्षों में नहीं बढ़ा है इसलिए ऐसा करना लाजमी था. इस मूल्य वृद्धि का विपरीत प्रभाव पड़ने वाला है. कोरोना संकट के कारण आम लोग आर्थिक दिक्कतों में हैं. लोग अब रिक्शा या टैक्सी का उपयोग नहीं करेंगे इस से टैक्सी वालों को और भी ज्यादा परेशानी होगी.


आम जनता के साथ-साथ टैक्सी चालकों के लिए भी नुकसानदायक साबित होगा


उपभोक्ता पंचायत ने किराया वृद्धि और टैक्सियों के बारे में राज्य सरकार को अपनी तरफ से तीन विकल्प सुझाए हैं ताकि किराया वृद्धि से आम आदमी बचे. पहला विकल्प 1 मार्च के बजाय छह महीने के लिए बढ़ोतरी को स्थगित करना है. 1 मार्च से, अगले वर्ष के लिए मूल किराया 1 रुपये और 75 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया जाना चाहिए, और शेष किराया एक साल की अवधि के बाद बढ़ाया जाना चाहिए. उपभोक्ता पंचायत ने सुझाया गया तीसरा विकल्प मूल किराया 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाना है और रिक्शा और टैक्सी और ऑटो के लिए किराया में 2.01 रुपये और 2.09 रुपये प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी को स्थगित करना है.


एबीपी न्यूज़ ग्राहक पंचायत और बढ़ी हुई कीमतों को लेकर जब टैक्सी चालकों से बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि वैसे भी ग्राहक बहुत कम है अभाव बड़ा है तो लगता है कि और कम हो जाएंगे.


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