टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर आई टीम इंडिया की गुरुवार को मुंबई में विक्ट्री परेड निकाली गई. मरीन ड्राइव से वानखेड़े स्टेडियम तक निकाली गई परेड में कई स्थानों पर भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. विक्ट्री परेड खत्म होने के बाद सड़कों पर बिखरी पड़ीं चप्पलें इसकी गवाही दे रही हैं. इतना ही नहीं परेड में मौजूद एक शख्स ने बताया कि भीड़ पूरी तरह से बेकाबू हो गई थी, लोग एक दूसरे के ऊपर गिर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, भीड़ में करीब एक दर्जन बच्चे लापता हो गए. हालांकि, बाद में उन्हें माता-पिता से मिलवा दिया गया. वहीं, चार से 5 लोगों को बीमार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


विक्ट्री परेड में मौजूद रवि सोलंकी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया, ''मैं ऑफिस से सीधे यहां पहुंचा था. 5 बजे से भीड़ इंतजार कर रही थी. पहले कहा गया था कि 5-6 बजे तक टीम इंडिया आएगी. लेकिन टीम नहीं आई. ऐसे में भीड़ बढ़ती जा रही थी. पुलिस का कोई प्रोटेक्शन नहीं था. भीड़ कहां जा रही थी, कुछ पता नहीं चल रहा था. जैसे ही बस निकली, लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया. कुछ लोग गिर गए. आगे और पीछे से लगातार धक्के आ रहे थे. पुलिस ने इस दौरान भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की. 


भगदड़ में कई लोग घायल


रवि सोलंकी ने बताया, इतने लोग घायल हो गए. हम लोग कैसे बाहर आए, ये भी नहीं समझ आया. लास्ट में देखा तो कुछ लोग गिरे थे. चप्पल छूट गए. कुछ लोग शोरूम में बेहोश हो गए. ये स्थिति थी. मेरा ऑफिस बैग भी चला गया. ये अव्यवस्थित कार्यक्रम था. यहां लोगों का सपोर्ट करने के लिए कोई नहीं था.


अधिकारियों के मुताबिक, मरीन ड्राइव से वानखेड़े स्टेडियम के बीच किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया था. हालांकि, इसके बावजूद कई जगहों पर भगदड़ जैसी स्थिति हो गई. 


हाथरस में दो दिन पहले हुई थी घटना

टीम इंडिया के विक्ट्री परेड में भगदड़ की घटना ऐसे वक्त पर हुई, जब दो दिन पहले ही हाथरस में बड़ी घटना हो गई. यहां भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई है.