Parambir Singh मामले में गिरफ्तार महिला इंस्पेक्टर ने इंद्राणी को दी थी बेटी के ज़िंदा होने की जानकारी, जानिए पत्र में क्या दावा किया गया है
इंद्राणी के पत्र के मुताबिक पुलिस अधिकारी आशा कोरके ने शीना से बात की और उसे कहा भी कि वो सामने आए और सबको बताए कि वो ज़िंदा है
Indrani Mukerjea News: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और अन्य पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज वसूली मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी आशा कोरके ने इंद्राणी मुखर्जी से कहा कि जब वो कश्मीर घूमने गई थीं तब उन्होंने शीना बोरा को देखा था. इंद्राणी मुखर्जी इस वक्त भायखला जेल में बंद हैं और उन्होंने सीबीआई डायरेक्टर को एक पत्र में इस बात का दावा किया है.
इंद्राणी के पत्र के मुताबिक पुलिस अधिकारी आशा कोरके ने शीना से बात की और उसे कहा भी कि वो सामने आए और सबको बताए कि वो ज़िंदा है और उसकी हत्या के आरोप में कैद उसके मां बाप को जेल से बाहर निकाले, जिसपर शीना ने कोरके को कहा कि उसने नई ज़िंदगी शुरू की है और अब वो अपनी पुरानी ज़िंदगी में वापस नहीं लौटना चाहती.
अपने 9 पन्ने के पत्र में इंद्राणी ने बताया कि मुझे मेरी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में साल 2015 में गिरफ़्तार किया गया था और मैं फिलहाल मुंबई के भायखला जेल के महिला विंग में बंद हूं.
इंद्राणी ने अपने पत्र में लिखा है, "25 नवंबर 2021 को जेल के अंदर एक महिला ने मुझे कहा कि उसे मुझे कुछ महत्वपूर्ण बात बतानी है, जिसके बाद मैंने उसका नाम पूछा तो उसने बताया कि उसका नाम आशा कोरके है और वो मुंबई पुलिस में इंस्पेक्टर है. उसने बताया कि उसे परमबीर सिंह से जुड़े एक मामले में गिरफ़्तार किया गया है और उसे जेल कस्टडी हो गई है."
पत्र में आगे लिखा है, "कोरके ने मुझे बताया कि वो 16 नवम्बर से 24 नवम्बर 2021 तक जेल के अंदर बने क्वारंटीन सेल में थी, जिसके बाद उसे भायखला में महिलाओं के वार्ड में शिफ़्ट किया गया. कोरके ने मुझे बताया कि 24 की दोपहर को उसने मुझे देखा और शाम तक उसे एहसास हुआ की मैं इंद्राणी मुखर्जी हूं, उसके बाद वो रात भर अशांत थी, क्योंकि उसे मुझे मेरी बेटी शीना बोरा के बारे में कुछ बहुत महत्वपूर्ण बताना था और ये बात उसे जुलाई 2021 से ही बतानी थी."
पत्र में लिखा है, "इस वजह से दूसरे दिन सुबह को कोरके ने मुझे बताया की जून (2021) के आख़िर और जुलाई 2021 की शुरुआत में जब वो कश्मीर के श्रीनगर छुट्टियां बिताने गई थी तब उसने मेरी बेटी शीना बोरा से मुलाक़ात की थी और बात भी की थी."
इंद्राणी के मुताबिक़ कोरके ने यह भी दावा किया है कि उसने डल लेक के पास एक महिला को उसके दोस्तों के साथ देखा वो सभी वेकेशन पर थे और कुछ बुकिंग करने में व्यस्त थे. उसे देखने के बाद कोरके को लगा कि इस लड़की को न्यूज़पेपर और टीवी पर कुछ सालों से देखा है, जिसके बाद वो उसके करीब गई और देखा तो पता चला कि वो लड़की कोई और नहीं बल्कि शीना बोरा ही है.
इसके बाद कोरके ने उसे शीना नाम से बुलाया, जिसके बाद उस लड़की ने पीछे मुड़ कर देखा और जवाब भी दिया. जिसके बाद उस लड़की ने कोरके से पूछा कि तुम मुझे कैसे जानती हो, जिसपर कोरके ने जवाब दिया कि वो मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर है.
इंद्राणी के मुताबिक कोरके ने दावा किया कि, शीना ने उससे कहा कि क्या वो उसे जेल में डालने आई हैं? जिसपर कोरके ने उसे कहा कि नहीं और उसे दुनिया के सामने आने को कहा कि वो आकर बताए कि वो ज़िंदा है क्योंकि उसके मां बाप उसकी हत्या के आरोप में जेल में हैं.
पत्र में कहा गया है कि कोरके ने शीना को प्रोसेस क्या है इस बारे में मदद करने का आश्वासन देने का दावा भी किया, और कहा कि उसे डरने की ज़रूरत नहीं है. इंद्राणी के मुताबिक कोरके ने उसे बताया कि जब वो शीना को समझा रही थी, तब शीना ने कहा कि उसने नई ज़िंदगी शुरू कर दी है और वो दोबारा पुरानी ज़िंदगी में नहीं जाना चाहती है.
इसे सुनते ही इंद्राणी ने कोरके से पूछा कि अगर उसने शीना को देखा तो उसे क्यों लेकर नहीं आई? इसपर जवाब देते हुए कोरके ने इंद्राणी को बताया कि अगर वो उसे वहां से ज़बरदस्ती लेकर आती तो उसपर असॉल्ट और किडनैपिंग का आरोप लग सकता था.
इसके बाद इंद्राणी ने कोरके से पूछा कि इसके बाद उसने कश्मीर पुलिस या मुंबई पुलिस को इस बात की जानकारी क्यों नही दी, जिसपर कोरके ने जवाब दिया कि अगर तुम्हारी बेटी को कोई फरक नहीं पड़ता जब कि उसकी मौत के करण की वजह से उसके मां बाप जेल में है तो मैं क्या करूं.
शीना एक बालिग लड़की है और उसे पूरा अधिकार है कि अपने हिसाब से कहीं भी रहे और मैं इस मामले में उलझकर अपनी छुट्टी बर्बाद नहीं करना था. इसके बाद इंद्राणी ने कोरके से पूछा कि उसने उसे उस समय क्यों नहीं बताया, जिसपर कोरके ने उसे कहा कि इसी बात का पछतावा उसे हो रहा था. इंद्राणी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि कोरके की बात सुनने के बाद उसने उससे कहा कि क्या वो यह जानकारी CBI को और CBI स्पेशल कोर्ट को देगी, जिसपर कोरके ने कहा की वो उसे मंज़ूर है, और वो (इंद्राणी) जिसे बताना चाहे वो बता सकती है.
जिसके बाद इंद्राणी ने 9 पन्नों का पत्र CBI डायरेक्टर सुबोध जायसवाल को लिखा. इंद्राणी ने अपने पत्र में यह भी दावा किया कि कोरके CBI के सामने अपना बयान दर्ज करवाने के लिए राज़ी है. कोर्ट भी अपनी पावर का इस्तेमाल कर CrPC की धारा 311 के यह कोरके को समन कर बुला सकती है और बयान दर्ज कर सकती है.