मुंबई: मुंबई के किंग सर्किल रेलवे स्टेशन पर तीन महीने पहले मिले करीब दो महीने के नवजात बच्चे के परिवार को डीएनए टेस्ट के माध्यम से तलाश कर लिया गया है और उसके दादा-दादी को सौंप दिया गया है.
बच्चे के माता-पिता ने ही उसे लावारिस छोड़ दिया था. उन्होंने रेलवे पुलिस को बताया कि वे लोग बहुत गरीब हैं और बच्चे का लालन-पालन करने में सक्षम नहीं हैं. पुलिस ने बताया कि बच्चे के माता-पिता की आर्थिक-सामाजिक स्थिति को देखते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.
13 सितंबर को प्लेटफॉर्म नंबर एक की बेंच पर एक नवजात बच्चा मिला था. पुलिस ने बच्चे को अस्पताल भिजवाया था जहां उसकी हालत ठीक बताई गई थी.
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बच्चे के पास के एक बैग भी मिला था जिसके कारण पुलिस बच्चे तक पहुंच पाई. पुलिस ने बताया कि बैग में पुलिस को एक फोटो और पता मिला था. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरु की थी.
पुलिस ने हफ्तेभर में ही बच्चे के माता-पिता को तलाश कर लिया था जिनकी उम्र 21 और 23 साल है. ये लोग कांदीवली ईस्ट के रहने वाले हैं और बेहद गरीब हैं.
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ऐसे हालातों में बच्चे को आश्रम भेज दिया गया था और अब बच्चे के दादा-दादी उसे घर वापस ले जाना चाहते थे. लेकिन पुलिस उनका मेडिकल कराना चाहती थी ताकि पता चल सके कि क्या वे लोग वाकई बच्चे के ग्रांडपेरेंट्स हैं.
डीएनए टेस्ट किया गया था जिसका नतीजा प़ॉजिटिव आया. इसके बाद बच्चे को उसके दादा-दादी को सौंप दिया गया.
अक्सर सामने आते हैं नवजात बच्चों को छोड़े जाने के मामले
आपको बता दें कि अक्सर इस तरह नवात बच्चों को छोड़ दिए जाने के मामले सामने आते रहते हैं. कुछ वक्त पहले ही राजस्थान से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जिसमें बच्ची को छोड़ दिया गया था. बच्ची का कई दिनों तक इलाज चला था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका था.