Pollution hits Alarming Levels In Mumbai: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शहर दिन प्रतिदिन प्रदूषित होती जा रही है. यहां गोवंडी (Govandi) इलाके प्रदूषण का स्तर 336 तक पहुंच चुका है यानी ये बहुत खराब श्रेणी में है. टीबी और अस्थमा और लंग कैंसर की बीमारी से पीड़ित लोगों को इससे खासी परेशानी का झेलनी पड़ रही है.
'प्रदूषण से बचने के लिए मास्क जरूरी'
नागरिकों स्वास्थ्य सेवाओं में मदद करने वाले सेवा एनजीओ के फाउंडर अंसारी सगीर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इस इलाके में अधिकतर बच्चे और बुजुर्ग लगातार खांसी से पीड़ित हैं. प्रदूषण की वजह से कुछ समय बाद पता चलता है कि टीबी और अस्थमा उनके शरीर में है. सगीर कहते है कि इसी कारण से वह और उनका पूरा ग्रुप कोरोना के बाद भी मास्क पहन कर चलते हैं ताकि लोगों तक संदेश जाए की प्रदूषण से बचने के लिए मास्क कितना जरूरी हैं.
गोवंडी इलाके में फैमिली फिजिशियन डॉक्टर राजेश राजेश प्रजापति ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इस इलाके में गंदगी ज्यादा है साथ ही डंपिंग ग्राउंड जहां पूरे मुंबई शहर का कचरा जमा होता है. वहीं बायो मेडिकल वेस्ट का एक प्लांट भी है. जहां अस्पतालों से आया कचरा जलाया जाता है. जिसके चलते इलाके में हर वक्त प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहता हैं.
जब एक हवा का झोंका आता हैं तब से झुग्गी बस्ती से वह हवा गुजर जाती है. अधिकतर लोग साफ आबोहवा नहीं ले पाते हैं. जिस वजह से यहां पर बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है. राज्य सरकार और मुंबई महानगर पालिका ने यहां पर अस्पताल की सुविधा दी है और काफी अच्छे से लोगों को इस बारे में जानकारी भी दी जाती है. लोगों की लापरवाही कि वह दवाई नहींं लेते और साफ -सफाई नहींं रखते. साफ सफाई न रखने की वजह से इलाके में प्रदूषण और बढ़ जाता है .
गोवंडी के लोग हैं परेशान
गोवंडी इलाके की 30 साल की नीलम शर्मा उनके दो बच्चे हैं. 15 दिन पहले ही नीलम को पता चला कि वह टीबी से पीड़ित है. इससे नीलम काफी परेशान हैं. नीलम ने एबीपी न्यूज को बताया के पिछले 11 वर्षों से वह अपने परिवार के साथ इस इलाके में रह रही है. हाल ही में उन्हें टीबी की बीमारी हुई है. उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि वो कुपोषित है, वहीं प्रदूषण के कारण भी उनकी यह हालत हुई है. फिलहाल उनकी दवाई चल रही है.
सरकार से नीलम ने गुहार लगाई के इस इलाके को स्वच्छ कर प्रदूषण को नियंत्रण में लाना जरूरी है. उनका कहना है कि गरीब वर्ग में आने वाले लोगों को सुविधा देना राज्य सरकार का फ़र्ज़ है. अस्थमा से पीड़ित शैख कमालुद्दीन ने बताया के उन्हें पिछले कुछ महीने पहले ही अस्थमा की बीमारी हुईय उनका मानना है के हवा खराब होने के कारण उनकी तबीयत खराब हुई है. इसी कारण से वह घर के बाहर नहींं निकलते हैं.
सोशल वर्कर रसिया शेख ने एबीपी न्यूज को बताया के इस इलाके में जिनकी तबीयत खराब होती है और आर्थिक हालात खराब होतें हैं उन्हें वह और उनका ग्रुप अस्पताल के लिए मदद करता हैं. बीएमसी और राज्य सरकार के तरफ से कोई सुविधा मिलने के बारे में पूछे जाने पर रसिया ने बताया के अधिकतर सेवाएं इन इलाके में रह रहे एनजीओ ही देते हैं. बीएमसी के अधिकारी केवल बच्चों के परीक्षण के लिए घर- घर जाते हैं.
इस बारे में एबीपी न्यूज ने महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने कैमरे पर बात करने से मना कर दिया. इस बीच उन्होंने बताया की प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के बीएमसी को डायरेक्शन दिए गए हैं, जो मुंबई के कई इलाकों में एयर प्यूरीफायर लगाने वाले हैं.
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