Mumbai Local Train Bomb Blast: मुंबई बम धमाकों (Mumbai Bomb Blast) के मास्टरमाइंड एहतेशाम सिद्दीकी (Ehtesham Siddiqui) ने मुंबई बम धमाकों की दोबारा जांच की मांग की है. एहतेशाम 11 जुलाई 2006 को मुंबई लोकल ट्रेन में हुए बम धमाकों का मुख्य आरोपी है. वह प्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) का सदस्य था. मुंबई बम धमाकों के लिए सिद्दीकी को विस्फोटों के सिलसिले में 2015 में फांसी की सजा सुनाई गई थी और कुछ साल से वो नागपुर जेल (Nagpur Jail) के फांसी यार्ड में है. उसकी मौत की सजा फिलहाल पुष्टि के लिए हाई कोर्ट में पेंडिंग है.
जानकारी के मुताबिक एहतेशाम ने हाईकोर्ट, एटीएस, जेल प्रबंधन और सीधे पीएमओ को पत्र लिखा है. हालांकि, सिद्दीकी ने इस पर संदेह जताया है कि क्या उसका पत्र वास्तव में नागपुर जेल प्रशासन ने इन पतों पर भेजा है. सूत्रों के अनुसार जेल प्रशासन ने पत्र भेजे जाने का क्रमांक सिद्दीकी को दिया लेकिन एहतेशाम सिद्दीकी ने जेल से इस बारे में एक आरटीआई दायर की. उसकी अपील पर बुधवार को सूचना आयुक्त राहुल पांडे ने सुनवाई की. इस समय सिद्दीकी ने खुद राहुल पांडे के सामने अपनी दलील पेश करने की इजाजत ली थी. मामले की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से की गई थी.
एहतेशाम पर क्या था आरोप ?
वहीं मिड-पीटीसी मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट में दोषी पाए गए और फांसी की सजा पाए हुए सिद्दीकी का कहना है कि उस पर एटीएस ने विस्फोट का झूठा आरोप लगाया गया था. इसलिए उसको फिर से जांच की जानी चाहिए. आपको बता दें कि मुंबई लोकल ट्रेन में 11 मिनट में हुए इस ब्लास्ट में 209 लोग मारे गए थे और 714 अन्य घायल हुए थे. वहीं एटीएस ने अदालत में साबित कर दिया है कि अब्दुल वाहिद दीन के किराए के घर में पाकिस्तानी आतंकवादी अम्मू जान, साबिर, अबू बकर, कसम अली, एहसानुल्लाह और अबू हसन को रखने के लिए एहतेशाम सिद्दीकी ही जिम्मेदार था.
कैसे दिया था घटना को अंजाम?
पुलिस के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आजम चीमा ने इन धमाकों की साजिश रची थी. लश्कर-ए-तैयबा ने धमाके के लिए अपने कई लोगों को भारत में दाखिल कराया. ये सभी लोग मुंबई पहुंचकर अलग-अलग ठिकानों पर रहने लगे. 20 किग्रा आरडीएक्स (RDX) गुजरात में कांडला के रास्ते भारत भेजा गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 जुलाई 2006 को आतंकी सात गुटों में बंट गए और सात जगह कुकर बम रख दिए. हर गुट के पास एक प्रेशर कुकर था.