मुंबई: भारत में सबसे महंगी रिहायशी जमीन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में है और दक्षिण मुंबई का कफ परेड इलाका देश का सबसे महंगा इलाका माना जाता है. कफ परेड में जहां करोड़ों के आलीशान बिल्डिंग, होटल्स, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और नेवी का बेस है, वहीं कफ परेड के एक हिस्से में हजारों झुग्गी बस्तियां हैं. मुंबई के मूलनिवासी मानें जाने वाले मछुआरों की बस्तियां भी कफ परेड में बसी हैं.


बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद देश के सबसे महंगे और बहुचर्चित एसआरए (स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी) प्रोजेक्ट की राह आसान हो गयी है. कफ परेड में 7000 से ज्यादा झोपड़पट्टी वाला ये प्रोजेक्ट पिछले कई सालों से कानूनी लड़ाई की वजह से लटका पड़ा हुआ था. दरअसल मुम्बई के हाई प्रोफाइल कफ परेड इलाके के इन झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए कई कंपनियां सामने आईं. कानूनी पेंच के चलते इस हाई प्रोफाइल इलाके में बसे झुग्गी बस्ती, मछुआरों को उनके हक का घर नहीं मिल पा रहा था. महाराष्ट्र सरकार वर्षों से इस इलाके के विकास की पक्षधर थी.


शापूरजी पालनजी ग्रुप की कंपनी प्रिकॉशंस प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को 2018 में ग्रिएवांस रिड्रेसल कमेटी से हरी झंडी मिली थी. मगर उसके खिलाफ प्रतिद्वंदी डेवलपर डायना इस्टेट और एक स्थानीय संगठन ने हाई कोर्ट में अपील की थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस मिलिंद जाधव की बेंच ने माना  डेवलपर कंपनी के पास प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए ज़रूरी पर्याप्त आर्थिक क्षमता और झोपड़पट्टी में रहने वालों का समर्थन है.


बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “यहां के झोपडपट्टीवासी अपने पुनर्वसन के लिए बीस सालों से ज्यादा वक्त से इंतजार कर रहे थे ऐसी स्कीम्स को लागू करने के पीछे मकसद होता है झोपडपट्टीवासियों के कष्टों को कम करना और इसे सिर्फ तकनीकी आधार पर खारिज करना ठीक नहीं होगा. बशर्ते कोई बड़ी अनियमितता या अन्याय न हो रहा हो."


इस केस में झोपडपट्टीवासियों की तरफ से श्रीनिवास शरद बोबडे पेश हुए. श्रीनिवास शरद बोबडे ने इस फैसले पर संतोष जताया है. अदालती आदेश पर डेवलपर शापूरजी पालनजी के डायरेक्टर डॉ राजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हम जल्द से जल्द काम शुरू कर इस प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहेंगे ताकि हज़ारो झोपडपट्टी में रहने वालों के लिए एक बेहतर जिंदगी शुरुआत हो. साथ ही ये प्रोजेक्ट एक लैंडमार्क प्रोजेक्ट होगा. पहली बार किसी SRA प्रोजेक्ट में स्मार्ट सिटी के सभी फीचर होंगे जो सीसीटीवी, सिक्योरिटी, पब्लिक वाईफाई, वेस्ट मैनेजमेंट, एनर्जी मैनेजमेंट और वॉटर मैनेजमेंट समेत कई सुविधाओं से लैस होगा."


एसआरए के तहत के तहत ये सबसे ऊंची इमारत होगी. 28 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट में  30 मंजिला बिल्डिंगों के कई सारे टावर होंगे. गौरतलब है कि एसआरए के तहत अब तक अधिकतम 22 मंजिला बिल्डिंग ही बनी हैं. कफ परेड में जमीन के दाम आसमान छूते हैं और ये देश के सबसे महंगे इलाकों में से एक है. इस एसआरए प्रोजेक्ट के बाद यहां की झुग्गियों में रहने वाला शख्स करोड़पति बन जाएगा.


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