मुंबई: ड्रग्स खरीदने वालों को बिटकॉइन देने वाला ‘क्रिप्टोकिंग’ हुआ गिरफ्तार, एनसीबी की जांच में सामने आई ये बात
मुंबई में ड्रग्स का सेवन करने वाले और ड्रग्स पेडलर मकरंद को ‘क्रिप्टोकिंग’ के नाम से बुलाते हैं. एलएसडी जैसे ड्रग्स यूरोप जैसे देशों से खरीदने के लिए डार्कनेट पर जाना होता है. वहां पर ड्रग्स खरीदने के लिए सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी का ही इस्तेमाल होता है.
मुंबई: मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो कि ड्रग्स का इस्तेमाल करने वालों को ड्रग्स खरीदने के लिए लगने वाले बिटकॉइन मुहैया कराता था. गिरफ्तार आरोपी का नाम मकरंद प्रदीप अदिविलकर है.
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने बताया कि नवंबर 2020 में हमने एलएसडी की 20 ब्लोट्स मालाड मार्वे से जब्त की थी और जांच के दौरान हमे पता चला था कि यह एलएसडी ड्रग्स यूरोप से खरीदा गया है और इसे खरीदने के लिए बिटकॉइन जो कि एक क्रिप्टोकरंसी है. उस मामले में जांच के दौरान एनसीबी के हाथ मकरंद तक पहुचे और उसे गिरफ्तार कर लिया.
मकरंद को मुंबई के ड्रग्स पेडलर और ड्रग्स पीने वाले क्रिप्टोकिंग के नाम से बुलाते हैं क्योंकि एलएसडी जैसे ड्रग्स यूरोप जैसे देशों से खरीदने के लिए डार्क नेट पर जाना पड़ता है और वहां पर सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी का ही इस्तेमाल ड्रग्स खरीदने के लिए होता है.
हर कोई आसानी से बिटकॉइन नहीं ले पाता इसलिए वो क्रिप्टोकिंग यानी कि मकरंद के पास जाते थे. एनसीबी ने बताया कि मकरंद पेडलर से कैश लेता था फिर अपनी कमीशन काटकर अपने वॉलेट का इस्तेमाल कर पेडलर को बिटकॉइन मुहैया कराता था जिसका इस्तेमाल पेडलर्स ड्रग्स खरीदने के लिए करते थे.
एनसीबी ने बताया कि आज के माहौल में कुछ देशों के ड्रग्स पेडलर बिटकॉइन का इस्तेमाल ड्रग्स ट्रैफिकिंग के लिए खास तौर से एलएसडी, एमडीएमए, हेरोइन, हाइड्रोपोनिक विड और बड खरीदने के लिए कर रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल और वर्चुअल करंसी है, जिसे क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से सुरक्षित रखा जाता है. जिसका डुप्लीकेट बनाना बहुत ही मुश्किल है. बिटकॉइन भी क्रिप्टोकरेंसी का ही एक हिस्सा है.