Blue Tick: ट्विटर और मस्क ने चुराया है ब्लू टिक को कलरफुल बनाने का आईडिया! इस भारतीय ने किया दावा, मामला पहुंचा कोर्ट
Idea Stolen By Twitter: मुंबई के एक शख्स ने दावा किया है कि एलन मस्क और ट्विटर ने उनके ब्लू टिक को अलग-अलग रंगों में करने के आईडिया की चोरी कर ली है. मामले में शख्स ने कोर्ट में केस भी दर्ज किया है.
Blue Tick Idea: देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई के एक पत्रकार ने ट्विटर और उसके मालिक एलन मस्क पर कोर्ट में मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने राष्ट्राध्यक्षों समेत महत्वपूर्ण हस्तियों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए एक नये 'निशान' को अपना आईडिया बताते हुए इसे चुराने का आरोप लगाया है. साथ ही इस सिलसिले में धोखाधड़ी की एक शिकायत भी दायर की है.
ट्विटर अपने सामान्य यूजर के वैकिफाईड अकाउंट पर 'ब्लू टिक' देता है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जैसी महत्वपूर्ण हस्तियों के (सोशल मीडिया) अकाउंट पर 'भूरे रंग का टिक' लगाता है.
मस्क और ट्विटर पर कई धाराओं में दर्ज हुआ केस
अंधेरी की एक मजिस्ट्रेट अदालत में दायर की गई अपनी शिकायत में पत्रकार रूपेश सिंह ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (विश्वास तोड़ने), 120 बी (आपराधिक साजिश) और कॉपीराइट अधिनियम के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. यह शिकायत एक मार्च को दायर की गई थी.
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में मस्क के अलावा ट्विटर के पूर्व भारत प्रमुख मनीष माहेश्वरी को भी नामजद किया है. शिकायतकर्ता ने वकील नीरज गुप्ता के माध्यम से शिकायत दायर करायी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और निर्देशक होने के नाते वह ट्विटर पर बहुत सक्रिय रहते हैं. सिंह ने कहा कि उन्होंने देखा है कि ट्विटर पर सभी वैरिफाईड अकाउंट पर नीला निशान लगा हुआ है, चाहे वे साधारण यूजर हों या राष्ट्राध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण हस्तियां हों.
चुराया मेरा दिया हुआ आईडिया- शिकायतकर्ता
शिकायत में दावा किया गया कि सिंह ने ही मई, 2022 में यह आईडिया बनाया था कि मशहूर हस्तियों के वैरिफाईड ट्विटर अकाउंट को अलग रंग का निशान दिया जाए और उसे इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट के 'वॉल' पर साझा किया जाना चाहिए. शिकायत में आरोप है कि आरोपी ने 'सुनियोजित ढंग से और काफी सोच-विचार' के बाद उनके आईडिया का जवाब नहीं दिया, लेकिन कुछ ही महीने बाद अलग-अलग रंग के 'निशान' लगाने के उनके विचार के लिए उन्हें श्रेय या पारिश्रमिक दिये बिना ही लागू कर दिया गया.
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने आपराधिक साजिश के तहत शिकायतकर्ता के साथ धोखाधड़ी की, उन्हें नुकसान पहुंचाया और 'मानसिक एवं शारीरिक' प्रताड़ना दी. अदालत 17 मार्च को इस मामले की सुनवाई करेगी.
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