मुंबई: मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में एक ऐसी घटना हुई जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है. 38 साल के व्यक्ति ने एक छोटी सी नोक झोंक के बाद अपने ही पिता की हत्या कर दी. ओशिवारा पुलिस ने उस युवक को गिरफ्तार कर लिया. बाद में उसे जेल भेज दिया गया.


गुलाबचंद यादव जोकि अपने दो बच्चों के साथ जोगेश्वरी इलाके में रहते हैं उनका यह बेटा मानसिक रोगी है जिसका करीबन पिछले 8 सालों से अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. अक्टूबर 2018 से मुंबई के कूपर अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है.


डॉक्टरों ने अपनी जांच में पाया कि उसे पैरानॉइड शिजोफ्रेनिया नाम की बीमारी है. ओशिवारा पुलिस की मानें तो आरोपी का छोटा भाई रोजाना की तरह शनिवार को भी काम पर गया था और उस आरोपी बिना किसी को बताए घर से बाहर टहलने के लिए निकल गया था. शाम को 7:30 बजे के आसपास जब वह घर आया तो वहां पर उसके और उसके पिताजी के बीच मामूली सी नोक झोंक हुई.


ओशिवारा पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय बेंडाले ने बताया कि इस नोक झोंक के चलते आरोपी को बहुत गुस्सा आ गया जिसके चलते उसने पास में ही पड़ी एक क्रिकेट के स्टैंप से अपने पिता के सिर पर कई बार हमला कर दिया.


बेंडाले ने बताया कि यह प्रहार इतना तीव्र था कि जिसके बाद गुलाबचंद जमीन पर गिर गए और बेहोश हो गए. उनकी आवाज सुनने के बाद पड़ोस के एक व्यक्ति ने उनके बड़े बेटे को फोन लगाकर कहा कि आपके भाई ने आपके पिता को बहुत मारा है. इस वजह से वह जमीन पर गिर पड़े और बेहोश हो गए हैं. इसके तुरंत बाद गुलाबचंद का छोटा लड़का सोनू घर पर आया और अपने पिता को नजदीक के क्लीनिक ले गया जहां पर डॉक्टरों ने बताया कि इनके सिर की चोट बहुत गहरी है. उन्होंने कूपर अस्पताल ले जाने की सलाह दी जिसके बाद वह अपने पिता को कूपर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लेकर गया जहां पर इलाज के दौरान उसके पिता की मौत हो गई.


इस घटना के तुरंत बाद ही ओशिवारा पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर गुलाबचंद के बड़े बेटे को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी को आज अंधेरी कोर्ट में पेश किया जहां पर कोर्ट ने उसे 12 फरवरी तक जेल कस्टडी में भेज दिया. हालांकि, अब आरोपी शख्स को अस्पताल भेज दिया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.


आरोपी के छोटे भाई सोनू यादव ने बताया कि डॉक्टरों ने मेरे भाई को रोजाना दवा खाने को कहा था. जब तक वह दवा लेता तब तक वह सामान्य रहता है और बीच में ही उसने दवा लेनी बंद कर दी. उसका मानना था कि उस दवाई से वह पागल हो रहा है और दवा खाना बंद कर दिया, जिसके बाद से वो चिड़चिड़ा हो गया और यह घटना हो गयी.


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