महाराष्ट्र में महा-विकास अघाड़ी की सरकार सत्ता में आने के बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे कॉलोनी में प्रस्तावित मेट्रो 3 के कार शेड काम पर रोक लगा दी और करीब 10 महीने बाद मेट्रो कार शेड को आरे से कांजुरमार्ग में शिफ्ट करने का ऐलान किया. लेकिन सरकार के इस फैसले पर मुंबई हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है.


बीजेपी आरोप लगा रही है कि शिवसेना की जिद्द की वजह से पहले ही करदाताओं को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ और 2021 में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट और देरी होना निश्चित मानी जा रही है.


बुधवार को मुंबई हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे की सरकार को झटका देते हुए कांजुरमार्ग में प्रस्तावित मेट्रो 3 के कार शेड के काम को यथावत स्थिति में रखने के आदेश दिए. 102 एकड़ की जगह में ठाकरे सरकार ने कुछ दिन पहले ही आरे कॉलोनी से मेट्रो कार शेड को कांजुरमार्ग में बनाने का फैसला किया था. लेकिन महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और एक स्थानिक डेवलपर ने मुंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और यह आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला नियम के मुताबिक नहीं है. लिहाजा इसे रद्द किया जाए.


मुंबई हाईकोर्ट का फैसला सीएम उद्धव ठाकरे के लिए इसलिए भी झटका माना जा रहा है क्योंकि फडणवीस सरकार में रहते हुए शिवसेना ने आरे कॉलोनी में बनने वाले मेट्रो कार शेड का जमकर विरोध किया था. सामना में छपे लेख में उद्धव ठाकरे ने कहा था कार शेड का विरोध मुंबईकरो की भावनाओं से जुड़ा हुआ है इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.


आपको बता दें कि फडणवीस सरकार पहले ही आरे कार शेड के लिए 400 करोड रुपए खर्च कर चुकी है. मुंबई हाई कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया है कि शिवसेना और सीएम उद्धव ठाकरे की जिद की वजह से आम करदाताओं के करोड़ों रुपए स्वाहा हो गए.


महा-विकास आघाडी की सरकार सत्ता में आने के बाद ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे के जंगल में बन रहे कारशेड पर रोक लगा दी थी और सचिव मनोज सोनिक के अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था जिसे पर्याय जगह को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपने थी. हालांकि नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में आरोप लगाते हुए कहा था उद्धव ठाकरे ने जिस मनोज सोनी कमेटी को अध्ययन के लिए गठित किया उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड को विजिबल नहीं बताया था. लेकिन कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए सरकार ने कार शेड को आरे कि जगहा कांजुर्गमार्ग शिफ्ट करने का फैसला लिया.


सूत्र बता रहे हैं मुंबई हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार रिव्यू पिटिशन कर सकती है. वही मंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा की मुम्बई के हित के प्रोजेक्ट मे बीजेपी पर राजनीति कर रही है.


32.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो 3 की प्रोजेक्ट की लागत करीब 30,000 करोड़ रुपए बताई गई 80 फ़ीसदी से भी ज्यादा का काम मेट्रो 3 के इस प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड होना है. जानकारी के मुताबिक, 70 फ़ीसदी टनलिंग का काम पूरा हो चुका है आरे कॉलोनी में बनने वाले कार शेड पर सरकार ने लगाए स्टे की वजह से रोजाना करीबन 5 करोड रुपए का नुकसान सरकार को हो रहा है. जानकारी मानते हैं कि अगर जल्दी कार शेड को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ और बंबई हाईकोर्ट ने लगाई रोक अगर जल्द नहीं हटी तो प्रोजेक्ट की कॉस्ट और बढ़ने की उम्मीद है.