(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ड्रग्स केस: NCB की रडार पर आया मुंबई का मशहूर 'मुच्छड़ पानवाला', जानें किसने लिया नाम
मुंबई में एनसीबी ने एक ब्रिटिश नागरिक को लगभग 200 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया है. जिसने पूछताछ में मुंबई के मशहूर मुच्छड़ पानवाला नाम से मशहूर जयशंकर तिवारी का नाम लिया है. इसके बाद एनसीबी की एक टीम ने केम्स कॉर्नर स्थित उसकी दुकान में छापा मारा जहां से उन्हें कुछ नारकोटिक्स सबस्टेन्स मिले हैं.
मुंबई में मुच्छड़ पानवाला नाम से मशहूर जयशंकर तिवारी उस समय एनसीबी की रडार पर आ गए, जब उनका नाम अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सप्लायर्स के संपर्क में रहने वाले एक आरोपी ने लिया. एनसीबी की मुंबई यूनिट ने शुक्रवार रात से लेकर शनिवार की दोपहर तक मुंबई के तीन इलाकों में रेड कर दो महिलाओं और एक ब्रिटिश नागरिक को गिरफ्तार किया था. इस दौरान लगभग 200 किलोग्राम गांजा भी जब्त किया.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम राहिला फर्नीचरवाला (एक बॉलीवुड अभिनेत्री की पूर्व मैनेजर), साहिस्ता फर्नीचरवाला और करन सजनानी जो की एक ब्रिटिश नागरिक है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) सूत्रों की माने तो सजनानी भारत के गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और मेघालय में ड्रग्स की सप्लाई करता है. एनसीबी सजनानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स सप्लायर करने का किंगपिन भी मानती है, जिसकी जांच चल रही है.
ड्रग्स की सप्लाई में आया मुच्छड़ पानवाले का नाम
एनसीबी के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि सजनानी में जांच के दौरान बताया कि वो किस-किस को ड्रग्स की सप्लाई करता था. उसने मुच्छड़ पानवाले का नाम भी ले लिया. जिसके बाद एनसीबी की एक टीम ने केम्स कॉर्नर स्थित उसकी दुकान में छापा मारा, जहां से उन्हें कुछ नारकोटिक्स सबस्टेन्स मिले हैं जिसकी जांच एनसीबी कर रही है कि वो आखिर क्या है?
इसके बाद ही एनसीबी ने जयशंकर तिवारी को समन भेजकर एनसीबी के कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया. जयशंकर सोमवार की सुबह करीब 10 बजे एनसीबी के कार्यालय पहुंचे जहां उनका स्टेटमेंट देर रात तक चलता रहा. एनसीबी के अधिकारियों ने बताया कि वे यह जानना चाहते हैं कि आखिर पानवाला ड्रग्स अगर खरीदता था तो इसका इस्तेमाल कैसे करता था. क्या वह अपने प्रोडक्स में ड्रग्स मिलाकर अपने ग्राहकों को देता था जिससे वो उसके प्रोडक्ट्स के आदि हो जाएं, या फिर वो अपने गिने चुने लोगों को ही बेचता था.
एनसीबी की माने तो इस मामले की जांच बहुत ही निचले स्तर पर है. पूछताछ के बाद ही पूरी बात साफ हो पाएगी कि आखिर उस ड्रग्स पेडलर (करन सजनानी) ने इसका नाम क्यूं लिया.और जो नारकोटिक पदार्थ उसके दुकान से मिला है वो कहां से आया होगा.
क्या मिला था शनिवार की रेड में?
एनसीबी सूत्रों की माने तो उन्होंने 75 किलोग्राम गांजा ओजी कुश नाम से भी जाना जाता है. 125 किलोग्राम मिक्स गांजा और 1.5 किलोग्राम मेरुआना बड़ (bud) सीज किया था. सजनानी पर आरोप है कि वह मेरुआना बड़ अमेरिका से इम्पोर्ट करता था और कुछ तो उत्तर प्रदेश भी मंगवाया था. सजनानी झूठ का सहारा लेकर बड़ी ही चालाकी से इस बड को कस्टम की आंखों में धूल झोंककर भारत में लाता था और फिर इसे प्रिरोल्ड गांजा फॉर्म में बड़े-बड़े लोगों को महंगे दाम में बेच देता था. आरोप यह भी है कि राहिला इस काम के लिए सजनानी को आर्थिक और दूसरी तरह की मदद करती थी.
कौन है मुच्छड़ पानवाला?
प्रयागराज के हंडिया डिस्ट्रिक्ट में रहनेवाला जयशंकर तिवारी मुच्छड़ पानवाला नाम से मशहूर हैं. साल 1977 वह पहली बार मुंबई आया और अपने पिता के पान के बिजनेस को चलाने लगा. जयशंकर तिवारी की पहचान मुच्छड़ पान शॉप से है इसने अपने पान को बेचने के लिए खुद की वेबसाइट भी बनाई है, जिस पर पान के ऑर्डर मुंबई से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से आते हैं. तिवारी एक करोड़पति पानवाले हैं जो खुद की मर्सिडीज कार से घूमते हैं और साउथ मुंबई के हाई प्रोफाइल इलाके में उनका घर है.
मुंबई में अगर अच्छे सेलर्स की बात की जाती है तो उस लिस्ट में जयशंकर तिवारी का नाम भी आता है. अपने मीठी जुबान और पान बनाने के अंदाज से वो अपने ग्राहकों को बांध कर रखते हैं. जयशंकर तिवारी के ग्राहकों की लिस्ट भी बहुत बड़ी है, जिसमें बहुत बड़े बिजनेसमैन, क्रिकेटर्स और बॉलीवुड के सितारों का समावेश है.
अर्जुन रामपाल की बहन से पूछताछ
बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन रामपाल की बहन कोमल रामपाल को सोमवार को एनसीबी के कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया गया था जहां करीब 6 घंटों तक एनसीबी ने उनसे पूछताछ की. एनसीबी ने उनसे उस प्रिस्क्रिप्टशन के बारे में पूछताछ की जिसे अर्जुन रामपाल ने एनसीबी को सौंपा था. एनसीबी के अधिकारी कोमल के दिए बयान का अध्ययन कर रहे हैं.
आखिर क्यों बुलाया गया कोमल को?
एनसीबी ने नवंबर 2020 में अर्जुन रामपाल के घर रेड की थी, जिसके दौरान उन्हें वहां से दो टैबलेट्स मिली थी जो कि एनडीपीएस के तहत आती है. जिसका इस्तेमाल आप तभी कर सकते हैं जब इसका एक्पर्ट डॉक्टर आपको लेने की सलाह दे. इन दो टेबलेट्स में से एक (ULTRACET) जो उन्होंने बताया उनके कुत्ते की है जिसे मुंबई के एक वैटनरी डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब किया था तो दूसरी (CLONAZEPAM) उनकी बहन की है जिसे दिल्ली के रोहित गर्ग नाम के डॉक्टर ने प्रिस्क्राइब की थी.
इसके बाद एनसीबी ने उन प्रिस्क्रिप्शन्स की जांच शुरू की और बांद्रा के वैटनरी डॉक्टर का स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया जिसमें डॉक्टर ने एनसीबी को यह बताया कि ये दवा उन्होंने अर्जुन रामपाल के कुत्ते को जून महीने में दी थी. उनके कुत्ते के जोड़ो में बहुत ज्यादा दर्द होता है और तब वो जोर जोर से चिल्लाने लगता है जिसके बाद उसे इस दवाई की बहुत जरूरत पड़ती है.
जांच में यह भी पाया गया कि जो दूसरी टैबलेट का प्रिस्क्रिप्शन है वो अर्जुन रामपाल ने बैक डेट में बनवाया है और इस बात के सबूत एनसीबी को दिल्ली के डॉक्टर रोहित गर्ग के स्टेटमेंट के बाद मिले. इन्हीं सारी बातों को और अच्छी तरह से समझने के लिए ही एनसीबी ने कोमल को समन भेजा था.
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